
जालंधर ब्रीज: अब जबकि रबी विपणन सत्र लगभग समाप्त हो गया है, पंजाब के किसानों को उनकी गेहूं उत्पादन खरीद के एक बड़े हिस्से की सरकारी एजेंसियों द्वारा ‘प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण’ (डीबीटी) के माध्यम से सफलतापूर्वक भुगतान कर दी गई है।
यह पहला मौका है जब पंजाब के किसानों को उनकी गेहूं की फसल की बिक्री के बदले सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान मिलना शुरू हुआ है। यह किसानों के लिए बेहद फायदेमंद रहा है। सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए पटियाला जिले के गांव डकला के रमेश कुमार और गांव माजरी अकालियां के एस. सुरिंदर सिंह ने सरकार का दिल से आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि बिना किसी दिक्कत के खरीद के 48 घंटे के भीतर उनके खातों में भुगतान कर दिया गया था।
पृष्ठभूमि:
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) भारत सरकार द्वारा आधुनिक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करके मौजूदा बोझिल वितरण प्रक्रियाओं को नया स्वरूप देते हुए एक प्रमुख सुधार पहल है ताकि सरकार से लक्षित लाभार्थियों के बैंक/डाक खातों, जो प्राथमिक तौर से आधार कार्ड से जुड़े है, में लाभ और व्यक्तिगत लाभार्थियों को इन-काइंड ट्रांसफर हस्तांतरित किए जा सकें।
डीबीटी के लाभ:
डीबीटी (CARE के माध्यम से) हासिल करना चाहता है:
- Curbing pilferage and duplication (चोरी और दोहराव पर अंकुश लगाना)
- Accurate targeting of the beneficiary (सही लाभार्थी तक पहुंचना)
- Reduced delay in payments (भुगतान में कम देरी), और
- Electronic transfer of benefits, minimizing levels involved in benefit flow (लाभों का इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण, लाभ प्रवाह में शामिल स्तरों को कम करना।)
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