June 18, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

किस नोटिफिकेशन के आधीन पी ए पी फ्लाईओवर पर वाहनों की डिज़ाइन स्पीड लिमिट को बदला गया ?

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फोटोग्राफर (रवि कुमार)

जालंधर ब्रीज:(नीरज की विशेष रिपोर्ट) जालंधर पानीपत- राष्ट्रीय राजमार्ग को गिनिज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाए केंद्र की सरकार। प्रधानमंत्री की इमानदारी अपने ही केंद्र के नेशनल हाईवे विभाग में विफल हो गई ये कोई भी दावा बगैर तथ्यों के साथ नहीं कीया जा रहा इसकी हकीकत आपको ग्राउंड जीरो में जाकर इस राजमार्ग के लंबित चल रहे निर्माण कार्यो को देख कर खुद ही पता चल जाएगा। यह प्रोजक्ट पिछले तकरीबन 14 वर्षो से लंबित पडा है और यह अभी भी आने वाले 4 से 5 वर्षो में पूरा होता हुआ नज़र नहीं आ रहा इसके लिए ना तो प्रधानमंत्री या इस विभाग के मंत्री की कुशलता पर संदेह नहीं किया जा सकता है क्युंकि इन्होने पिछले 6 वर्षो के कार्यकाल में देश के कई प्रोजोक्टों को पूरा कर दिखाया।

परन्तु इस राष्ट्रीय राजमार्ग की देरी के लिए सीधे तौर पर भ्रष्ट अधिकारी जिम्मेवार है जिन्होंने ठेका प्राप्त कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिये सरकार में रह कर अपने पद का दुरूपयोग किया और करोडों रुपये की बेनामी सम्पति बनायीं और ठेका कंपनी को बी ओ टी मॉडल में इस प्रोजेक्ट में रख रखाव के नाम पर करोड़ों रुपये के टोल टैक्स की आम लोगों से वसूली करवाकर बदले में लोगों को बनती सुविधाओं से वंचित रखने का काम किया।

आज भी हाईवे की हालत इतनी दयनीय है की जगह जगह पर बरसाती पानी जमा होने से लोगों की मौत हो रही है, नालियां टूटी पढ़ी है। पी ए पी फ्लाईओवर को शुरू होने के 2 घंटे के बाद ही बंद करना पड़ा था जिसको अब इस गलत बने फ्लाईओवर को जुगाड़ के साथ दोबारा शुरू करवाया गया है।

पिछले दिनों विभाग के चेयरमैंन को इसको नए सिरे से 8 लेन करने के लिए निर्देश दिए जिसमें रीजनल ऑफिस दुआरा प्रोजेक्ट डायरेक्टर जालंधर को संबंधीत विभागों से तालमेल करने के लिए जिम्मेवारी सौंपी गयी अब यह फ्लाईओवर मौजूदा मटेरियल की महंगी कीमतों से बनेगा जिसको की अगर पहले से ही सही बना दिया जाता तो इसको दोबारा ना बनाना पडता और पता नहीं लोगों को कितने साल और परेशान होना पढ़ेगा।

इसकी लडीवार में विभाग के पेट्रोलिंग अधिकारियों दुआरा विज्ञापन नीति की धज्जीआं उड़ाई जा रही है जिसमें उसके दुआरा प्राइवेट हस्पतालों, रेस्टोरेंट वालों के अवैध विज्ञापन लगावाकर उनको फायदा पहुंचाया जा रहा है और यही नहीं इस के साथ विभाग के मंत्री की योजनाओं को ठेंगा भी दिखाया जा रहा जिसमें वो देश में ज्यादा से ज्यादा एक्सप्रैसवे बनाने के लिए दिन रात प्रयास कर रहे है तांकि की इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को बडा कर व्यापार को बढ़ाया जा सके परन्तु विभाग के कुछ अफसरों दुआरा किसी निजी हॉस्पिटल के विज्ञापन को लगा कर डिज़ाइन स्पीड लिमिट 90 किलोमीटर प्रति घंटा को घटाकर 50 किलोमीटर प्रति घंटा करने के किसने हुक्म दिए यह सब जांच का विषय है ।

इस गंभीर मुद्दे पर जालंधर ब्रीज की टीम दुआरा प्रोजेक्ट डायरेक्टर अंबाला से ई मेल के माधयम से संपर्क साधा गया परन्तु उन्होंने ई मेल का जबाव देना जरूरी नहीं समझा उसके बाद इन सब की गंभीरता को समझते हुए उनसे फोन पर संपर्क साध कर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने संविधानिक पद पर बैठ कर गैर जिम्मेवारन ब्यान देते हुए यह कहा की हमारे पास 600 किलोमीटर की सडक़े है और इसके लिये हम दो ही अफसर है इसलिए कहाँ क्या हो रहा है हम नहीं देख सकते यह जिम्मेवारी ठेका प्राप्त कंपनी की है इस जवाब ने उनकी काबलियत पर प्रशन चिन्ह लगाने का काम किया है और इस बात को हवा दी है कि कहीं ठेका प्राप्त कंपनी के साथ उनकी शामूलियत तो नहीं ? यह सब जांच का विषय है।



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