
जालंधर ब्रीज: कृषि और किसान भलाई विभाग कपूरथला ने धान की पराली को आग ना लगाने संबंधी , नाढ़ पराली साढ़ के कीता सब सवाह पंछी जानवर आदमी किदा लेनगे साह के विशय पर डिप्टी कमिश्नर कपूरथला विशेष सारंगल ने आज जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह प्रचार वैन पराली को आग लगाने से होने वाले नुक़सान संबंधी किसानो से अवगत कराएंगे और लगातार जिले के विभिन्न गांवों में जाकर धान की पराली को जलाए बिना खेतों की जुताई के फायदे बताएंगे।
उन्होंने किसानों से अपील की कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के अनुसार धान के भूसे में आग लगाना कानूनी अपराध है और जहां आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है, वहीं जमीन की उर्वरता भी प्रभावित होती है के बारे में जागरूकता पैदा करेगी ।
मुख्य कृषि अधिकारी डा.बलबीर चंद ने कहा कि पराली जलाने से नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर और गंधक पोटाश जैसे पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान होता है,पराली जलाने से उत्पन्न जहरीले धुएं/गैसों का संपूर्ण मानव और पशु जीवन के स्वास्थ्य पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि वे पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, मल्चर, चॉपर, जीरो टिल ड्रिल आदि का अधिक से अधिक उपयोग कर पराली को खेतों में अवशोषित करें जिससे हमारी मिट्टी की उर्वरता में भी सुधार होता है।
इस अवसर पर कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार, हरकमल प्रितपाल सिंह, बलकार सिंह, सतनाम सिंह, गुरदीप सिंह, सहायक कृषि इंजीनियर अभिषेक ,कृषि विकास अधिकारी विशाल कौशल, मनमोहन सिंह, गुरजोत सिंह, कृषि विस्तार अधिकारी परमिंदर कुमार, तरविंदर सिंह परियोजना निदेशक. आत्मा, बलराज सिंह, यदविंदर सिंह सहित कृषि कर्मचारी उपस्थित थे।
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