
The Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh visit to Indian Air Force Heritage Centre, in Chandigarh on May 08, 2023. The Governor of Punjab & Administrator of Chandigarh, Shri Banwarilal Purohit and the Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal VR Chaudhari are also seen.
जालंधर ब्रीज:रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई, 2023 को चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के विरासत (हेरिटेज सेंटर) केंद्र का उद्घाटन किया। भारतीय वायुसेना के समृद्ध इतिहास तथा विरासत का मूर्त रूप माने जाने वाले इस केंद्र में कलाकृतियों, भित्ति चित्रों तथा थ्रीडी डायोरमा का संग्रह है, जो वायुसेना की स्थापना के बाद से इसके विकास को दिखाता है। यह केंद्र भारतीय वायुसेना के वीरतापूर्ण कार्यों तथा विमान/उपकरण में देश की प्रगति को दिखाता है।
केंद्र के मुख्य आकर्षणों में से एक सिमुलेटरों की सरणी है, जो आगुंतकों को भारतीय वायुसेना की सूची में शामिल प्रतिष्ठित विमानों की उड़ानों के रोमांच को दोहराने की अनुमति देता है तथा उन्हें पायलट होने की अनुभूति करने का अवसर देता है। यह केंद्र अब जनता के लिए खोल दिया गया है। इसमें भारतीय वायुसेना द्वारा भाग लिए गए युद्ध अभियानों के समर्पित प्रांगण भी हैं। यह आगुंतकों को राष्ट्र की रक्षा में भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।
रक्षा मंत्री ने उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में कहा कि यह विरासत केंद्र उन सभी के साहस और समर्पण का उदाहरण है जिन्होंने भारतीय वायुसेना में अपनी सेवा दी हैं, यह उनके बलिदान को श्रद्धांजलि तथा राष्ट्र की रक्षा में उनके अमूल्य योगदान की याद दिलाता है। उन्होंने 1948 के युद्ध, 1961 का गोवा मुक्ति संग्राम, 1962, 1965, 1971 तथा करगिल युद्धों में भारतीय वायुसेना के योगदान को याद किया जिसमें बल की शक्ति, प्रतिबद्धता और दक्षता को प्रदर्शित किया गया है। श्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के बारे में कहा कि युद्ध के दौरान सेना के तीनों अंगों द्वारा प्रदर्शित संयुक्त कौशल, एकीकरण और प्रतिबद्धता अभूतपूर्व और असाधारण थी।
उन्होंने कहा कि यह युद्ध किसी जमीन या शक्ति के लिए नहीं बल्कि मानवता और लोकतंत्र के लिए लड़ा गया था। उन्होंने कहा, ‘’यह इस बात का प्रमाण है कि भारत मानता है कि अन्याय कहीं भी हो, हर जगह न्याय के लिए खतरा है और किसी भी तरह के अन्याय के विरूद्ध खड़ा होना हमारा कर्तव्य है। अपनी रणनीतियों के बल पर युद्ध जीतना और वहां किसी भी तरह का राजनीतिक नियंत्रण नहीं थोपना, भारत की शक्ति के साथ-साथ इसके मूल्य और सांस्कृतिक उदारता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र इस वीरता और प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह केंद्र आने वाली पीढि़यों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा, ‘’वायुसेना की समृद्ध विरासत है और इसे संरक्षित रखना तथा उसका प्रदर्शन करना हमारा दायित्व है। यह केंद्र भारतीय वायुसेना के इतिहास को संरक्षित रखने और युवाओं को सशस्त्र बलों के मूल्यों को आत्मासात करने के लिए प्रेरित करने का महत्वपूर्ण साधन बनेगा।
इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित तथा वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वी.आर चौधरी भी उपस्थित थे।
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