
जालंधर ब्रीज: डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने सोमवार को जालंधर जिले के सभी उप-मंडल मैजिस्ट्रेटो (एस.डी.एम.) को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में प्रांतीय और केंद्र सरकार की जमीनों की पहचान करें और उन पर स्पष्ट रूप से यह दर्शाने वाले साइनबोर्ड लगाएँ कि ऐसी संपत्तियाँ सरकारी है।
सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण की शिकायतों के मद्देनजर यह निर्देश जारी किए गए है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस कदम से प्रशासन को इन जमीनों पर पाए जाने वाले किसी भी अतिक्रमण के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
डा.अग्रवाल ने एस.डी.एम को इन खाली जमीनों पर अस्थायी रूप से पार्क और खेल के मैदान विकसित करने के प्रस्ताव भेजने का भी निर्देश दिया ताकि उनका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके और अनधिकृत अतिक्रमणों को रोका जा सके। उन्होंने आगे कहा कि लोगों की सुविधा के लिए खाली सरकारी जमीनों का उपयोग करने से समाज को लाभ होगा और संपत्तियों को अवैध अतिक्रमणों से भी बचाया जा सकेगा।
डिप्टी कमिश्नर ने एस.डी.एम. से चिन्हित भूमि का सटीक स्थान, माप, स्वामित्व विवरण, वर्तमान अधिभोग स्थिति और उससे संबंधित किसी भी अदालती मामले सहित एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। डा. अग्रवाल ने उनसे सरकारी हितों की रक्षा करते हुए ऐसी संपत्तियों के सर्वोत्तम के उपयोग के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को भी कहा।
सरकारी भूमि की सुरक्षा के लिए जालंधर प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने ऐसी सभी संपत्तियों की पहचान, चिह्नांकन और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी एस.डी.एम. को 31 जुलाई, 2025 तक अपनी विस्तृत रिपोर्ट उनके दफ्तर में जमा करने का निर्देश दिया ताकि जिले में सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि 31 जुलाई के बाद जहां भी सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण पाया जाएगा, वहां कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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