June 17, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

कांग्रेस और बादलों ने सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को साजिश के तहत तबाह किया : हरपाल सिंह चीमा

Share news

जालंधर ब्रीज: आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने राज्य के सरकारी शिक्षा व्यवस्था की दयनीय स्थिति पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों ने पंजाब के सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों को एक सोची समझी साजिश के तहत तबाही की ओर धकेला है। चीमा ने यह टिप्पणी पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद की। 

शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और शिक्षा मंत्री परगट सिंह से अपील की कि वे इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेकर पंजाब के सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजीसी के नए पे-स्केल तुरंत लागु करवाएं और सातवें वेतन आयोग की जनवरी 2016 की सिफारिशों के अनुसार नए वेतनमान,जो लगभग सभी राज्य सरकारों की ओर से वर्ष 2018 से ही लागू किया जा चूका है, का लाभ पंजाब के सरकारी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को दिया जाए। 

चीमा ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को चार साल बाद भी पंजाब में लागू नहीं किया गया है। जिसके कारण ‘गुरु’ का दर्जा प्राप्त प्रोफेसरों व अध्यापकों का मनोबल आहत हो रहा है और इसका प्रतिकूल प्रभाव पूरे शिक्षा क्षेत्र पर पड़ रहा है। चीमा ने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री चन्नी और शिक्षा मंत्री परगट सिंह भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह ही राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है। 

चीमा ने कहा कि पंजाब के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान भी अपने विश्वविद्यालय और कॉलेज अध्यापकों के लिए केंद्र के सातवें पे-स्केल को लागू कर चुके है। यहां तक कि हर प्रशासनिक निर्णय के लिए पंजाब के नक्शेकदम पर चलने वाला हिमाचल प्रदेश ने भी अपने कॉलेज-विश्वविद्यालय के अध्यापकों के सम्मान में इस साल जनवरी से सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का निर्णय ले लिया है। 
चीमा ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश भी इस फैसले को लागू करने में पंजाब को पछाड़ देता है तो यह पंजाब सरकार के मुंह पर एक करारा तमाचा होगा।

यूजीसी से पंजाब के सरकारी विश्वविद्यालयों को डीलिंक करने की हो रही कोशिशों पर चीमा ने कहा कि तर्कहीन रूप से लागू की गई डीलिंकिंग प्रणाली को तुरंत खत्म किया जाये और यूजीसी के साथ रिश्ते सामान्य बनाए जाए। अगर चन्नी सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो 2022 में बनने वाली ‘आप’ सरकार इन फैसलों को प्राथमिकता के साथ लागू लेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के अध्यापक लंबे समय से अपने अधिकारों की लिए मरन-व्रत, भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। यह साबित करता है कि कांग्रेस सरकार उच्च शिक्षा को बचाने की लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अध्यापकों की मांगों को पूरा करने के लिए आम आदमी पार्टी मोर्चे पर सहयोग करेगी योगदान देंगे और आप सरकार बनने पर शिक्षा और शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।


Share news