June 17, 2025

Jalandhar Breeze

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पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय और नवाचार-प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालय ने बौद्धिक सम्पदा प्रबंधन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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जालंधर ब्रीज: (बठिंडा) पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) और नवाचार-प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालय (आई-टीटीओ) ने बौद्धिक सम्पदा प्रबंधन  (आईपी प्रबंधन), प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और योग्यता विकास के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

आई-टीटीओ एक क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालय है, जिसे राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन, बीआईआरएसी (भारत सरकार और विश्व बैंक परियोजना) के समर्थन से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली’ की बौद्धिक सम्पदा ​​और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शाखा ‘फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर’ (एफआईटीटी) में शैक्षणिक संस्थानों की सहायता के लिए स्थापित किया गया है।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना तथा विश्वविद्यालय के संकाय एवं छात्रों द्वारा विकसित बौद्धिक सम्पदा का प्रबंधन करने, प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण करने और व्यावसायिक सुविधा प्रदान करने में सीयूपीबी की सहायता हेतु आई-टीटीओ को शामिल करना है।

कोरोना महामारी की स्थिति ध्यान में रखते हुए मद्देनजर, इस समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह का आयोजन बुधवार को आभासी पटल के माध्यम से किया गया, जहां सीयूपीबी के कुलसचिव श्री कंवल पाल सिंह मुंदरा और आई-टीटीओ, नई दिल्ली की मुख्य प्रबंधक सुश्री पूजा भाटिया ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी और एफआईटीटी के प्रबंध निदेशक डॉ. अनिल वाली की गरिमामयी उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए। सीयूपीबी आईपीआर सेल और आई-टीटीओ टीम के सदस्यों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

एमओयू का विवरण साझा करते हुए सुश्री पूजा भाटिया (मुख्य प्रबंधक, आई-टीटीओ) ने बताया कि इस समझौते के अंतर्गत आई-टीटीओ सीयूपीबी को आईपी प्रबंधन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता करेगा। सीयूपीबी को आई-टीटीओ द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में अनुसंधान परिणामों का मूल्यांकन, आईपी ​​फाइलिंग, आईपी और तकनीक-हस्तांतरण नीति का मसौदा तैयार करना, प्रौद्योगिकी मूल्यांकन और प्रचार, कॉरपोरेट्स के साथ बातचीत एवं सौदों को अंतिम रूप देना और क्षमता निर्माण शामिल होंगे।

इस अवसर पर एफआईटीटी के प्रबंध निदेशक डॉ. अनिल वाली ने कहा कि सीयूपीबी एक अनुसंधान केंद्रित विश्वविद्यालय है और इसमें आईपी प्रबंधन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करने की क्षमता है। उन्होंने कहा इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, आई-टीटीओ पेटेंट आवेदन भरने और तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सीयूपीबी को आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।

सीयूपीबी के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीयूपीबी ने उच्च प्रभाव कारक पत्रिकाओं में शोध-पत्र प्रकाशन और अनुसंधान परियोजनाओं के साथ अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित किए हैं। एक शोध-केंद्रित विश्वविद्यालय के रूप में हमें विश्वविद्यालय द्वारा पेटेंट  करवाने हेतु भेजे गए आवेदनों की संख्या में अपने प्रदर्शन में सुधार करने की आवश्यकता है। प्रो. तिवारी ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य विशेषज्ञता प्राप्त पेशेवर संगठन की सहायता लेकर आईपी पंजीकरण और तकनीकी हस्तांतरण के क्षेत्रों में दक्षताओं का निर्माण करने में हमारे शोधकर्ताओं और संकाय को सशक्त बनाना और प्रोत्साहित करना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह साझेदारी निश्चित रूप से भविष्य में अधिक संख्या में पेटेंट पंजीकरण करने में सहायक सिद्ध होगी और पेटेंट रॉयल्टी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शुल्क के रूप में विश्वविद्यालय के लिए अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए प्रणाली का विकसित करेगी।

कार्यक्रम की शुरुआत में डीन अनुसंधान प्रो. अंजना मुंशी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। सीयूपीबी में आईपीआर/प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रकोष्ठ की समन्वयक डॉ. प्रीति खेत्रपाल ने समझौता ज्ञापन दस्तावेज का विवरण साझा किया। डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका ने समापन भाषण दिया। सीयूपीबी में इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल की अध्यक्षा प्रो. मोनिशा धीमान ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया। इस समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह में सुश्री रीमा साहनी मेदिरत्ता (परियोजना प्रबंधक – आईपी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण , आई-टीटीओ), सुश्री प्रगति अग्रवाल (वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, आईपी, आई-टीटीओ) और प्रो. राज कुमार, (सदस्य) सीयूपीबी आईपीआर सेल, ने आभासी पटल के माध्यम से भाग लिया।


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