
जालंधर ब्रीज: सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, मोहाली (पंजाब) की अदालत ने बलविंदर सिंह की न्यायिकेतर हत्या(Extra Judicial Killing) से संबंधित मामले में झब्बल पुलिस स्टेशन, अमृतसर के तत्कालीन एसएचओ, आरोपी अमरजीत सिंह को 10 वर्ष की कठोर कारावास(RI) एवं दो लाख रु. जुर्माने की सजा सुनाई। मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने हेतु मामला डीएलएसए को भी भेजा गया।
उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 15/11/1995 के आदेश के तहत सीबीआई को पंजाब पुलिस के कर्मियों द्वारा न्यायेतर हत्याओं एवं शवों को लावारिस के रूप में निपटाने के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया।
शुरुआत में, सीबीआई ने प्रारंभिक जांच दर्ज की एवं पूछताछ के दौरान पीड़ित की पत्नी सामने आई व उसने बताया कि उसके पति बलविंदर सिंह को दिनाँक 04.10.1992 को झब्बाल पुलिस स्टेशन की पुलिस टीम ने अवैध रूप से पकड़ा/रोक(Apprehended/Detained) लिया था। उसने आशंका जताई कि पुलिस कर्मियों ने बलविंदर सिंह की हत्या कर दी एवं लावारिस के शव के रूप में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। तदनुसार, सीबीआई ने अशोक कुमार शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक, अमरजीत सिंह उप निरीक्षक/एसएचओ, झब्बाल पुलिस स्टेशन एवं अन्यों के विरूद्ध मामला दर्ज किया।
जांच पूरी होने पर, सीबीआई ने आरोपी अशोक कुमार शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक और अमरजीत सिंह, तत्कालीन उप निरीक्षक/एसएचओ, झब्बाल पुलिस स्टेशन के विरुद्ध दिनाँक 16.09.1999 को विशेष न्यायाधीश, सीबीआई मामले, मोहाली, पंजाब की अदालत में आरोप पत्र दायर किया। दोनों आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 28/02/2000 आरोप तय किए गए। विचारण के दौरान, पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार शर्मा की मृत्यु हो गई एवं उनके विरुद्ध आरोप हटा लिए गए।
विचारण के पश्चात, अदालत ने आरोपी अमरजीत सिंह, तत्कालीन उप निरीक्षक/एसएचओ, झब्बाल पुलिस स्टेशन को दोषी ठहराया एवं तदनुसार उन्हें सजा सुनाई।
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