
जालंधर ब्रीज: पंजाब सरकार द्वारा स्वच्छता के मामले में शहरों और गाँवों की सूरत बदलने के ठोस प्रयासों के तहत, जालंधर ज़िला प्रशासन ने खाली प्लाटों से कूड़े के ढेर हटाने का अभियान शुरू किया है और खाली प्लाटों की सफाई में ढिलाई बरतने वाले प्लाट मालिकों को 300 से ज़्यादा नोटिस जारी किए गए है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि प्लाटों की सफाई न करवाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है, जिसके तहत प्लाट मालिकों को 300 से ज़्यादा नोटिस जारी किए गए है।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि प्रशासन द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में प्लाट मालिक भी सहयोग कर रहे है। उन्होंने बताया कि सफाई प्रेमी अपने प्लाटों की सफाई के अलावा चारदीवारी भी करवा रहे है। उन्होंने अन्य प्लाट मालिकों को भी अपने खाली प्लाटों की सफाई और चारदीवारी करवाने की सख्त हिदायत दी, ताकि बरसात के मौसम में फैलने वाली बीमारियों से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की पंजाब को देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रशासन जालंधर जिले की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि खाली प्लाटों की सफाई में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए जारी किए गए एक्शन हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 9646-222-555 के माध्यम से 60 से अधिक समस्याओं का समाधान किया गया है और राहत प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि इस नंबर के माध्यम से अधिकांश समस्याओं का समाधान करने के अलावा, सीनियर अधिकारी फोन करके इस संबंध में ‘फॉलो-अप’ भी ले रहे है।
डिप्टी कमिश्नर ने निर्देश दिए कि बरसात के मौसम में बीमारियों के फैलने की आशंका और जन स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए, जिले भर के प्लाट मालिक अपने खाली प्लाटों की सफाई करवाएं। इसके अलावा, अवैध ढंग से कूड़ा डालने से रोकने के लिए प्लाटों के चारों ओर चारदीवारी या बाड़ भी बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर सरकारी विभाग सफाई करेंगे, जिसका खर्च प्लाट मालिक से जुर्माने के तौर पर वसूला जाएगा। अगर कोई खर्च जमा नहीं करवाता है, तो राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, जुर्माने के अलावा, पुलिस द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

डा. अग्रवाल ने ज़ोर देकर कहा कि यह कदम पूरी तरह से जन स्वास्थ्य के हित में उठाया गया है, ताकि ज़िले के लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके, खासकर बारिश के मौसम में, जब वेक्टर जनित बीमारियां तेज़ी से फैल सकती हैं। उन्होंने स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करने और निवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए जालंधर प्रशासन की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
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