
जालंधर ब्रीज: जहां लोग कोविड-19 महामारी के कारण कोरोना संकट से जूझ रहे हैं, वहीं लोगों को गर्मी और बारिश के बीच मलेरिया, डेंगू और जल जनित बीमारियों के प्रति भी जागरूक होने की जरूरत है ।
इन बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की एंटी लार्वा टीमों ने जालंधर शहर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे छोटा सैपुर, गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू, लांग विलेज और पंजाब वाटर सीवरेज बोर्ड मॉडल टाउन का दौरा किया और आम जनता को इसके लक्षणों, कारणों और कारणों से अवगत कराया। इन बीमारियों और रोकथाम के तरीकों की शुरुआत की।

इस दौरान स्वास्थ्य टीमों ने 302 घरों में खड़े जल स्रोतों की जांच की, इस दौरान 10 घरों में मच्छरों के लार्वा मिले और लार्वा नष्ट हो गए. वहीं घरों में 5,000 क्लोरीन की गोलियां बांटी गईं और विभिन्न स्थानों पर मच्छर भगाने वाली दवाओं का छिड़काव किया गया।
सिविल सर्जन डॉ. बलवंत सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में हमें कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ मौसमी बीमारियों से भी जागरूक रहने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने 2030 तक मलेरिया को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि मलेरिया के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के बाद ही इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की कि जिस तालाब में स्वास्थ्य विभाग ने मछलियां छोड़ी हैं, उसमें किसी भी तरह का जहरीला पदार्थ न फेंके, क्योंकि इससे मछलियां मर जाती हैं ।
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