
जालंधर ब्रीज: पंजाब के कैबिनेट मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग और इसके अधीन समूह आयोगाों के उच्च अधिकारियों को विभिन्न स्कीमों के अधीन होते छपाई का सारा काम मोहाली और पटियाला स्थित सरकारी प्रैसों से करवाने की हिदायत की है।हिदायतों की यथावत पालना यकीनी बनाने पर ज़ोर देते हुये श्रीमती चौधरी ने विभाग के डायरैक्टर श्री दीपरवा लाकरा को कहा है कि वह हैडक्वाटर और जि़लों के अधिकारियों की आपात मीटिंग करके विभाग के अधीन चलती विभिन्न सरकारी स्कीमों के अधीन लम्बित पड़े छपाई के कामों की रिपोर्ट तैयार करें।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य की सरकारी प्रैसों को कार्यरत रखने और करदाताओं का पैसा बचाने के सम्मुख मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार ने छपाई का काम सिफऱ् सरकारी प्रैसों से करवाने का फ़ैसला लिया है। उन्होंने कहा कि एमरजैंसी हालात में छपाई का काम पंजाब प्रिंटिंग और स्टेशनरी मैनुअल के पैरा 4.4 में किये उपबंधों के सम्मुख प्राईवेट प्रैस से करवाया जा सकता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर विभाग या आयोग के अधिकारी आम हालात में छपाई का काम प्राईवेट प्रिंटिंग प्रैस से करवाते हैं तो यह पंजाब प्रिंटिंग और स्टेशनरी मैनुअल के चैप्टर-2 के नियम 2.1 और अन्य सम्बन्धित उपबंधों का उल्लंघन होगा और इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुँच सकता है।
श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि मोहाली और पटियाला स्थित सरकारी प्रैसें खुली जगह पर बनी हुई हैं और इन प्रैसों में अपेक्षित स्टाफ भी उपलब्ध है परन्तु राज्य के विभागों की तरफ से छपाई का काम प्राईवेट प्रैसों से करवा कर इनका पूरा -पूरा उपयोग नहीं हो रहा।
कैबिनेट मंत्री ने विशेष के तौर पर कहा कि आपात हालात के सम्मुख यदि छपाई का किसी काम प्राईवेट प्रैस से करवाया जाना ज़रूरी है तो उस सम्बन्धी मुद्रण और लेखन सामग्री विभाग से एतराज़हीणता सर्टीफिकेट ले लिया जाये। मंत्री ने हिदायतों की यथावत पालना यकीनी बनाने पर ज़ोर देते हुये विभाग के ज्वाइंट डायरैक्टर और डिप्टी डायरैक्टरों को उनके अधीन जिला सामाजिक सुरक्षा अफसरों, जिला प्रोग्राम अफसरों और सुपरडैंट होमज़ आदि की निरंतर निगरानी करकेआदेशों की पालना यकीनी बनाऐंगे।
More Stories
मेरी घरेलू तस्वीरें पब्लिक करना मजीठिया की घटिया राजनीति – डॉ. रवजोत
राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (NITTTR)
केवीआईसी ने देशभर के 11,480 पीएमईजीपी लाभार्थियों को ₹300 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरित की