
जालंधर ब्रीज: फगवाड़ा के अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर डा. नयन जस्सल ने आज कहा कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता पूरी तरह से अनुचित और नामंजूर है।
प्रेमपुरा के एक सरकारी प्राईमरी स्कूल में निरीक्षण के दौरान भोजन की गुणवत्ता की जांच करने वाले अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर ने मिड डे मील योजना के तहत छात्रों को संपूर्ण पोषक तत्वों के साथ साफ तौर पर पका हुआ भोजन करवाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना को सही ढंग से लागू करवाने के साथ-साथ छात्रों को उपलब्ध करवाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता और मात्रा सुनिश्चित करना फगवाड़ा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्कूल स्टॉक में पड़े खाद्यान्नों की प्राप्ति, उपयोग और शेष स्थिति की भी समीक्षा की।
अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर ने इस योजना के तहत छात्रों को प्रदान किए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए स्वयं भोजन किया। उन्होंने रसोई और उस स्थान का भी दौरा किया जहां छात्रों को भोजन परोसा जाता था। उन्होंने उन बर्तनों की भी जांच की जिनमें बच्चों के लिए खाना बनाया जाता था।
उन्होंने भोजन तैयार करने वाले कर्मचारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और उन्हें अधिक सतर्क रहने को कहा ताकि छात्र स्वच्छ वातावरण में भोजन बनाया सकें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भोजन के पोषण मूल्य को हर कीमत पर संरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने दैनिक भोजन में मौसमी सब्जियां और दालें खानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत छात्रों को स्वच्छ भोजन उपलब्ध करवाना स्कूल प्रबंधन की नैतिक जिम्मेदारी है और इस नेक कार्य में किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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