
जालंधर ब्रीज:पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती मनीषा गुलाटी ने आज यहाँ एक बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ रहे ख़तरे को रोकने के लिए पंजाब सरकार द्वारा राज्य में 23 मार्च, 2020 को राज्य में कफ्र्यू लगा दिया गया था जो कि पंजाब सरकार का एक सही कदम था परन्तु इस कफ्र्यू के दौरान पुलिस मुलाजि़मों द्वारा महिलाओं के साथ ठीक तरह से पेश नहीं आया जा रहा जिस सम्बन्धी राज्य के विभिन्न स्थानों से सोशल मीडिया और टैलिफ़ोन के द्वारा यह मामले उनके नोटिस में आए हैं।
पुलिस मुलाजि़मों द्वारा महिलाओं के साथ ठीक तरह से पेश नहीं आया जा रहा। श्रीमती गुलाटी ने कहा कि यह गंभीर मामला है और राज्य महिला आयोग एक्ट-2001 के अंतर्गत इसका गंभीर नोटिस लेते हुए उन्होंने पंजाब राज्य के गृह सचिव, पुलिस प्रमुख और राज्य के समूह डिप्टी कमिश्नर और सीनियर सुपरीटेंडैंट ऑफ पुलिस को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह यह यकीनी बनाएं कि पंजाब राज्य की महिलाओं की सुरक्षा यकीनी बनाई जाए और इस बात का भी ख़ास ध्यान रखा जाए कि जहाँ महिला अकेली है और कफ्र्यू के दौरान उसे घर में कोई मदद की ज़रूरत है, तो हर संभव मदद दी जाए। इसके अलावा बुज़ुर्ग और बीमार महिलाओं का भी ख़ास ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा जो महिलाओं पर सख्ती और सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडिओ में महिलाओं के साथ जिस तरह का बरताव किया जा रहा है, यदि भविष्य में कोई पुलिस मुलाज़ीम इस तरह की कार्रवाई करते हुआ पाया गया तो पंजाब राज्य महिला आयोग द्वारा उस पुलिस मुलाज़ीम के विरुद्ध नियमों के अनुसार कार्यवाही अमल में लाएगा।
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