June 19, 2025

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प्रार्थना और देखभाल से शिशु सुखदीप सिंह बना कोरोना योद्धा

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जालंधर ब्रीज: कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर वह सिर्फ 20 दिन का था और उसे कोरोना योद्धा बनने में दस दिन लगे। उसके माता-पिता की प्रार्थना और निस्वार्थ सेवा, डॉक्टरों की विशेषज्ञता और नर्सिंग स्टाफ की सावधानी से उसे घातक वायरस से बाहर निकाला गया।  

राज्य के सम्भवतः सबसे कम उम्र के कोरोना विजेता, सुखदीप सिंह को कल जब पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस), जालंधर से आरटी-पीसीआर सहित सभी मेडिकल परीक्षणों से गुजरने के उपरांत छुट्टी दी गई तब चारों ओर मुस्कान थी।  “बच्चा होने पर हमारी ख़ुशी जल्द ही खत्म हो गयी। हम यह जानकर चौंक गए जब पता चला कि हमारा बच्चा कोरोना पॉज़िटिव है”, शिशु के पिता गुरदीप सिंह ने बताया। हालाँकि बच्चे के माता-पिता दोनों ही नेगेटिव थे। कपूरथला से एक विनम्र पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले, गुरदीप सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि भगवान ने उनकी प्रार्थना सुनी कि शिशु अस्पताल द्वारा प्रदान की गयी देखभाल और चिकित्सा सेवाओं के साथ ठीक हो गया। माँ संदीप कौर की ख़ुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहा क्योंकि उन्होंने अपनी आँखों में चमक के साथ शिशु को वापिस गोद में ले लिया। दादी कुलविंदर कौर ने भी ख़ुशी जताते हुए कहा, “वाहेगुरु का शुक्र है कि मेरा पोता ठीक होकर घर वापिस आ गया। डॉक्टरों ने उसका बहुत ख्याल रखा”।  

शिशु की देखभाल करने वाला नर्सिंग स्टाफ भी उत्साहित था। देखभाल टीम में से एक, स्टाफ नर्स रूबी ने कहा, “हमने बच्चे की देखभाल बहुत सावधानी से की। एक शिशु को हर दर्द से गुजरते हुए देखना बेहद मुश्किल था।” उन्होंने कहा कि बच्चे को चम्मच से दूध पिलाया गया क्योंकि उसकी माँ को ज़ाहिरतौर पर इसकी अनुमति नहीं थी।  पीआईएमएस में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जतिंदर सिंह, जिनकी देखरेख में शिशु ठीक हुआ, ने कहा कि बच्चे को तेज बुखार और बेहोशी की हालत में भर्ती करावाया गया था। यह मामला हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण उसके माता-पिता को समझाना था। लेकिन उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा और शिशु के इलाज में पूर्ण सहयोग किया। डॉ सिंह ने चेताया कि वायरस के इस दूसरे चरण में, वायरस के खिलाफ सभी को संरक्षित करने की आवश्यकता है और सरकार द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि खुद को और समाज को भी बचाया जा सके।  


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