June 20, 2025

Jalandhar Breeze

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हिंसा पीडित औरतों के अधिकारों की रक्षा और उनको सहायता उपलब्ध करवाने के लिए सखी -वन स्टाप सैंटरों के बारे में जागरूकता पैदा करना ज़रूरी: डीसी घनश्याम थोरी

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जालंधर ब्रीज: हिंसा पीड़ित औरतों के हितों की रक्षा के अलावा उनको सहायता देने के लिए सखी-वन स्टाप सैंटर के लिए जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि पीड़ित औरतों के अधिकारों की चौकीदारी को यकीनी बनाना और उनको उपयुक्त सहायता उपलब्ध करवाकर न्याय हासिल करने के योग्य बनाना समय की ज़रूरत है।

आज यहां सामाजिक सुरक्षा और स्त्री व बाल विकास विभाग की तरफ से ‘पंजाब में लड़कियों /औरतो की ज़िंदगी पर हिंसा के कारण और प्रभावों के बारे में स्थिति और लिंग आधारित हिंसा का मुकाबला करने के लिए रोकथाम के उपाय और बचाव के लिए संक्षिप्त जानकारी’ विषय पर सखी वन स्टाप सैंटरों के लिए करवाई गई राज्य स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण वर्कशाप में प्रवक्ता के तौर पर हिस्सा ले रहे थे। इस वर्कशाप की शुरुआत सामाजिक सुरक्षा, स्त्री व बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव  राजी पी श्रीवास्तव के भाषण के साथ हुई, जिसके बाद विभाग के डायरैक्टर विपुल उज्जवल ने संबोधन किया।

वर्कशाप को संबोधित करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि सखी वन स्टाप सैंटरों में घरेलू हिंसा, एसिड अटैक या किसी भी प्रकार की हिंसा से पीडित औरतों को एक ही छत के नीचे मुफ़्त मैडीकल सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग सहित अस्थाई आसरा आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिस सम्बन्धित औरतों में बड़े स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिएं।

उन्होनें कहा कि पीड़ित औरतों को अपने कानूनी हक /इन्साफ प्राप्त करने में मुश्किलें /कठिनाईयों से बचाने के लिए इन सैंटरों को और मज़बूत किये जाना चाहिए।

डिप्टी कमिश्नर ने ज़िला जालंधर में सखी -वन स्टाप सैंटर की कारगुज़ारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल में चल रहे सखी -वन स्टाप सैंटर की तरफ से दुष्कर्म, घरेलू हिंसा, शारीरिक और मानसिक शोषण, दहेज के 380 पीड़ितों को सहायता उपलब्ध करवाई गई है और 360 शिकायतों का काऊंलिंग के द्वारा निपटारा किया गया है।

उन्होनें बताया कि सैंटर की नई इमारत को पंजाब पुलिस की 181 – महिला हैल्पलाइन के साथ भी जोड़ा गया है और सखी वन स्टाप सैंटर को महिला हैल्पलाइन -181 के साथ एकीकृत करने के साथ पीडित औरतों के लिए दूर संचार के द्वारा सेवाएं और ज्यादा पहुंच योग्य हो जाएंगी।


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