June 20, 2025

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कर्जदारों के लिए फिर तय की बकाया रकम का 20 प्रतिशत भुगतान करने पर पूरा दंडित ब्याज माफ किया जायेगा – सुखजिन्दर सिंह रंधावा

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जालंधर ब्रीज: पंजाब राज सहकारी कृषि विकास बैंक (पी.ए.बी.डी.) की तरफ से डिफालटर कर्जदारों के लिए कर्ज पुनर्गठन स्कीम शुरू की गई है जिसके अंतर्गत कर्जदारों के लिए फिर तय की बकाया रकम का 20 प्रतिशत भुगतान करने पर पूरा दंडित ब्याज माफ किया जायेगा।


यह जानकारी देते हुये सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने बताया कि बैंक ने डिफालटर कर्जदारों के लिए कर्ज पुनर्गठन स्कीम शुरू की है जो पिछले कुछ सालों से अपनी बुरी वित्तीय स्थिति के कारण अपनी किस्तों का भुगतान नहीं कर सके। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत कर्ज लेने वाले डिफालटरों के लोन खातों को फिर सूचीबद्ध किया जायेगा जिससे वह अपना कर्ज आसान किश्तों में वापस कर सकेंगे और उनको कर्जे की वसूली के लिए बैंक की तरफ से आरंभ की गई कानूनी कार्यवाही से राहत मिलेगी।


उन्होंने आगे कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत यह व्यवस्था की गई है कि यदि पुनर्गठन के समय कर्ज लेने वाला अपनी बकाया रकम का 20 प्रतिशत अदा करता है तो उसके खाते में बकाया पूरा दंडित ब्याज माफ कर दिया जायेगा। इसके साथ ही कर्ज लेने वाले उसके बाद भी अन्य कर्ज लेने के लिए योग्य होंगे यदि वह नियमित रूप में फिर तय किये कर्जे की एक तिहाई अदायगी करते हैं।


स. रंधावा ने आगे बताया कि बैंक ने कोविड-19 महामारी के कारण 1 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 के दौरान आईं रुकावटों के दौरान अदायगी न किये कर्जे की किश्तों पर स्टैंडर्ड लोन खातों पर 6 महीनांे की छूट देने का भी फैसला किया है। मंत्री ने बताया कि इसके साथ उन्होंने कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी जो इस मियाद में अपनी किश्तों का भुगतान नहीं कर सके और उनको छह महीनों के लिए मुलतवी कर दिया जायेगा जिससे उनके लोन खातांे का बकाया कारजकाल तबदील हो जायेगा


सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार श्री विकास गर्ग ने कहा कि बैंक ने दंडित ब्याज माफ करने सम्बन्धी चल रही योजना में 31 मार्च, 2021 तक विस्तार किया है। इस स्कीम के अधीन कर्ज लेने वालों के लोन खातों का बकाया सारा जुर्माना माफ कर दिया जाता है यदि कर्ज लेने वालों की तरफ से डिफालटर की रकम का भुगतान किया जाता है या अपना लोन खाता बंद करवा देता है। यह योजना अक्तूबर, 2020 में शुरू की गई थी और करीब 4000 किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया जिससे करीब 1.23 करोड़ रुपए की राहत हासिल की।


इस समय 89 बैंक हैं जिनमें से सिर्फ 30 पी.ए.डी.बीज़ पंजाब में किसानों को नये कर्जे मुहैया करवा रही हैं। रजिस्ट्रार ने कहा कि अब बैंक ने अपने आडिट वर्गीकरण नियमों में संशोधन किया है और अब किसानों को नये लोन देने वाले ऐसे बैंकों की संख्या 70 हो जायेगी। उन्होंने आगे कहा कि बैंक ने अपनी लोन नीति में भी संशोधन किया है जिससे एक किसान अपनी अदायगी करने के सामर्थ्य के आधार पर एक लोन की बजाय दो लोन ले सकें। उन्होंने कहा कि बैंक ने यह लाज़िमी कर दिया है कि लोन आवेदक के पास कम से कम 650 का ‘सिबिल’ स्कोर होना चाहिए जिससे एक बढ़िया लोन पोर्टफोलियो और लोन की अदायगी के लिए एक अच्छा माहौल सृजन करने को यकीनी बनाया जा सके।


जिक्रयोग है कि सहकारिता सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने अपने अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ नवंबर, 2020 में मुंबई में नाबार्ड के चेयरमैन के साथ मुलाकात की थी जिसमें सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार श्री विकास गर्ग और पंजाब राज सहकारी कृषि विकास बैंक लिमटिड के एम.डी. श्री चरनदेव सिंह मान शामिल थे। पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने बैंक को फिर सुरजीत करने के लिए पैकेज हासिल करने के लिए मजबूती के साथ केस रखा जिसके बाद नाबार्ड ने बैंक को फिर सुरजीत करने के लिए 750 करोड़ रुपए का पैकेज दिया।


इसके उपरांत सहकारिता मंत्री ने बैंक के सीनियर अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की और उनको पी.ए.डी.बी. को फिर सुरजीत करने की रणनीति तैयार करने के लिए प्रेरित किया। सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार की तरफ से अंतिम मंजूरी के साथ कमलदीप सिंह की अध्यक्षता अधीन पंजाब राज सहकारी कृषि विकास बैंक लिमटिड के बोर्ड आफ डायरैक्टर की मंजूरी के बाद बैंक ने एक बहु-समर्थकी रणनीति तैयार की जिसमें किसानों और बैंक के हित में कुछ नीतिगत फैसले लिए गए।


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