
जालंधर ब्रीज: वन और वन्य जीव सुरक्षा विभाग के ठोस यत्नों के निष्कर्ष दिखने लगे हैं और राज्य के वन अधीन क्षेत्र में 11.63 वर्ग कि.मी. वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही विभिन्न स्कीमों के अधीन 60 लाख पौधे लगाए गए हैं। और ज्य़ादा जानकारी देते हुए वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में हरियाली अधीन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है और इस दिशा में उचित और प्रभावशाली कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ताज़ा जंगलात कवर रिपोर्ट (भारत सरकार द्वारा 2020 में जारी की गई) के अनुसार, राज्य के वन क्षेत्र में 11.63 वर्ग कि.मी. की वृद्धि हुई है, जिससे यह पता चलता है कि राज्य सरकार द्वारा लागू प्रोग्रामों के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के सम्बन्ध में, इस साल राज्य के 6986 गाँवों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 60 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्राप्त सहायता से किसानों द्वारा उनके खेतों में एग्री फोरैस्ट्री पर सबमिशन के अधीन 19.5 लाख से अधिक उच्च क्वालिटी के क्लोनल पौधे लगाए गए हैं, जिसके लिए वित्तीय लाभ किसानों के आधार कार्ड के साथ जुड़े खातों में डायरेक्ट बैनीफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) के ज़रिये ट्रांसफर किए जाएंगे। श्री धर्मसोत ने बताया कि विभाग द्वारा राज्य में फिल्लौर और चक सरकार के जंगलों में एक उच्च मूल्य वाले वृक्ष की किस्म ”रोज़ वुड” की सफलतापूर्वक शुरुआत की गई है।
इसके अलावा सतलुज और ब्यास नदियों के आस-पास शीशम और अन्य स्थानीय वृक्षों के लगभग पाँच लाख पौधे लगाए गए हैं। भारत सरकार से शाहपुर कंडी (पठानकोट), लुधियाना, संगरूर, बरनाला और मानसा जिलों के जंगलों के लिए कार्यकारी योजना की अंतिम मंज़ूरी मिल गई और बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और फाजि़ल्का जिलों के जंगलों के लिए सैद्धांतिक मंज़ूरी मिल गई।
अन्य प्रमुख पहलकदमियों संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा राज्य में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे सम्बन्धी प्रैजेक्टों जैसे मुकेरियाँ-तलवाड़ा (27.70 किलोमीटर) के बीच रेलवे लाईनों का निर्माण; भानूपाली-बिलासपुर लाईन (रूपनगर) (8 किलोमीटर) राजपुरा-बठिंडा रेलवे ट्रैक (67 किलोमीटर) दोगुना करना, बठिंडा-मलोट सडक़ को चौड़ा और मज़बूत करना, जालंधर-कपूरथला-सुल्तानपुर लोधी-लोहियाँ -गिद्दड़पिंडी रोड, सुल्तानपुर लोधी-मक्खू रोड, मुक्तसर-जलालाबाद सडक़; जालंधर-होशियारपुर रोड; थप्पल- मुहेवाल-जिनहारी-तारापुर लिफ़्ट सिंचाई योजना (रूपनगर) के लिए मंज़ूरी देने के साथ-साथ शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट के पंजाब हिस्से और रणजीत सागर डैम पर एक अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड ईकोटूरिज़म प्रोजैक्ट के लिए सैद्धांतिक मंज़ूरी दी गई।
मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के दौरान इन मामलों की प्रक्रिया को ऑनलाइन ढंग में तबदील करके मंज़ूरियां ली गई हैं। वन मंत्री ने आगे बताया कि राज्य के वन विभाग द्वारा गाँव चमरौड (पठानकोट) के नज़दीक अपनी किस्म का पहला प्रकृति जागरूकता कैंप स्थापित किया गया है, जो गाँव की जंगलात कमेटियों के द्वारा स्थानीय नौजवानों को रोज़ी-रोटी प्रदान करता है।
स्थानीय नौजवानों को सत्कार, पक्षियों की निगरानी के लिए नेचर गाईड और वनस्पती और जीव-जंतू संभाल के अन्य पहलूओं संबंधी प्रशिक्षण दिया गया और 200 मीटर की एक ‘जि़प लाईन’ स्थापित की गई। उन्होंने आगे बताया कि कैंपिंग के लिए एक ट्री हाऊस और सभी मौसमों के लिए चार रिज़ोर्ट टैंट (पखानों समेत) स्थापित किए गए हैं। माहिरों द्वारा इस क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग पायलटों का प्रबंध किया गया है और इस गतिविधि को नियमित तौर पर करवाने के लिए डिप्टी कमिश्नर पठानकोट और पर्यटन विभाग से मंज़ूरी की माँग की गई है।
इसके अलावा डिप्टी कमिश्नर और पर्यटन विभाग द्वारा जैट स्की, पैरासेलिंग समेत वॉटर स्पोर्टस के लिए इजाज़त भी माँगी गई है। देशव्यापी मान्यता प्राप्त करने के लिए, प्राकृति सम्बन्धी जागरूकता कैंप की बुकिंग करने के लिए ”क्चशशद्मद्बठ्ठद्द.ष्शद्व” और ”मेक माई ट्रिप” तक पहुँच की गई है। इसी तरह की वातावरण सम्बन्धी पहलकदमियों की योजना हरीके और सिसवां के लिए भी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि नाजायज़ कब्ज़े हटाने की मुहिम के अंतर्गत नाजायज़ कब्ज़े और सैंकड़े टन शहर के कूड़े को हटाने के बाद पठानकोट के डलहौजी रोड जंगलात में नागरिकों के लिए पैदल चलने वाली सैर-गाहें, गाज़ेबो, बारिश के समय पनाह, बैंच और खुले जिम वाले दो प्राकृतिक पार्क स्थापित किए गए हैं।
कोविड-19 के विरुद्ध जंग के दौरान महिलाओं के स्वै-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए 75,000 मास्क लोगों और स्थानीय सरकारी संस्थाओं को बाँटे गए। वन विभाग ने आयुष दिशा-निर्देशों के अनुसार इम्युनिटी बढ़ाने वाली चाय तैयार की और कोविड नाकों पर ड्यूटी निभा रहे अधिकारियों को यह चाय बाँटी गई। उन्होंने कहा कि जंगली सूअर और नीलगाए के लिए शिकार पर्मिट प्राप्त करने की प्रक्रिया, पंचायतों को ऐसे पर्मिट के लिए आवेदन करने की आज्ञा देती है।
श्री धर्मसोत ने कहा कि राज्य में ब्यास, केशोपुर और नंगल वैटलैंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध ‘रामसर साईटें’ घोषत किया गया है। इसके अलावा छत्तबीड़ चिडिय़ाघर को अब वल्र्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वैरियमज़ के मैंबर के तौर पर शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित लगाए गए 550 पौधों की देख-रेख और रख-रखाव और वैकल्पिक पौधे मुहैया करवाने के लिए विभाग द्वारा एक प्रभावशाली सप्लाई श्रृंखला को यकीनी बनाया गया और लगभग 71 प्रतिशत पौधों का बचाव हुआ है।
मौजूदा वर्ष के दौरान राज्य के वन विभाग की आई-हरियाली ऐप के द्वारा नागरिकों को 3.6 लाख से अधिक पौधे सप्लाई किए गए हैं। राज्य के वन विभाग की कैम्पा स्कीम के अंतर्गत साल 2020-21 के दौरान 4710 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौधे लगाने के लिए अब तक ग्रामीण रोजग़ार की 12,46,235 देहाडिय़ां तैयार की गई हैं।
More Stories
15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए सफाई इंस्पेक्टर विजिलेंस ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों काबू
बाजवा ने पीडीसी में गैर-पंजाबियों को काम पर रखने के लिए आप सरकार को दोषी ठहराया
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने डीसी और पुलिस आयुक्त को मतदान से 72, 48 और 24 घंटे पहले अतिरिक्त सतर्कता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए