June 18, 2025

Jalandhar Breeze

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हरियाणा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है: डॉ महावीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा, हरियाणा सरकार

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जालंधर ब्रीज: पूरे देश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 का स्वागत किया है और इसे लेकर खुशी की लहर है। यह बात हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल ने आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय और रीजनल आउटरीच ब्यूरो,चंडीगढ़ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पर एक वेबिनार के दौरान अपने मुख्य संबोधन में कही। वेबिनार के दौरान, श्री कंवर पाल ने प्रतिभागियों को बताया कि इस नीति को तैयार करने में एक लंबा समय लगा, जिसको तैय़ार करने की प्रक्रिया में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हुए।नीति में प्रावधानों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, शुरुआती वर्षों में स्थानीय भाषाओं पर जोर दिया गया है, सीखने और समझने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश को जीडीपी के 6% तक पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि नीति जिम्मेदार व नैतिक नागरिकता का निर्माण करेगी।

वेबिनार के दौरान, हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ0 महावीर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षकों की स्थानांतरण नीति को बहुत पारदर्शी ढंग से ऑनलाइन किया जा रहा है। श्री अंकुर गुप्ता, प्रधान सचिव, उच्च शिक्षा, हरियाणा ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचार रखे।

प्रो0 राजबीर सिंह, उपकुलपति, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक, हरियाणा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समग्र, लचीली और बहु-विषयक है। नीति में स्कूल और कॉलेज शिक्षा स्तर पर कुछ उल्लेखनीय संरचनात्मक परिवर्तन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2030 तक स्कूली शिक्षा का सार्वभौमिकरण एक प्रशंसनीय कदम है, इससे ड्रॉपआउट दरों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई नीति का कार्यान्वयन शिक्षण संस्थानों और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य होगा।

श्रीमती0 देवप्रीत सिंह, अपर महानिदेशक (उत्तर क्षेत्र), सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि शिक्षा पूर्ण मानवीय़ क्षमता प्रदान करने, एक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलमंत्र है।

उन्होंने आगे कहा कि तेजी से बदलते रोज़गार परिदृश्य और वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ, यह और भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है कि बच्चे न केवल सीखें, बल्कि अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि वे किस तरह से सीखें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की व्यापक रूप से सराहना करते हुए, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष और प्रोफेसर, डॉ0 विकास डोगरा ने कहा कि मीडिया साक्षरता के मुद्दे को नीति में पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया है जिसे ध्यान देना चाहिए था। का। उन्होंने यह भी कहा कि नीति के कार्यान्वयन को प्रभावी बनाने की आवश्यकता होगी ताकि लालफीताशाही को कम किया जा सके।इस वेबिनार में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के शिक्षाविदों, अनुसंधान विद्वानों और  छात्रों ने भाग लिया। श्री आशीष गोयल, निदेशक, क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ ने वेबिनार का संचालन किया। सत्र का समापन श्री हिमांशु पाठक, सहायक निदेशक, पीआईबी, शिमला द्वारा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। वेबिनार में इस क्षेत्र से सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।


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