June 18, 2025

Jalandhar Breeze

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कोविड-19 के विरुद्ध युद्ध में विज्ञान व प्रौद्योगिकी की भूमिका’ संबंधी वैबीनार आयोजित

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जालंधर ब्रीज:

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एडीजी (उत्तर क्षेत्र) श्रीमति देवप्रीत सिंह ने कहा है कि ऐसे अप्रत्याशित समयों में, जब समस्त विश्व कोरोना-वायरस से लड़ने की पूर्णतया नवीन प्रकार की स्थिति का सामना कर रहा है, ऐसे में हमें विज्ञान व प्रौद्योगिकी के साथ नवीनता ही आगे लेकर जाएगी। वह प्रैस सूचना कार्यालय व रीजनल आऊटरीच ब्यूरो, चण्डीगढ़, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘कोविड-19 के विरुद्ध युद्ध में विज्ञान व प्रौद्योगिकी की भूमिका’ विषय पर एक वैबीनार के दौरान भागीदारों को संबोधन कर रहे थे। यह वैबीनार आईआईटी रोपड़, डॉ बीआर अम्बेडकर नेश्नल इनस्टीच्यूट ऑफ़ टैक्नोलोजी, जालन्धर, पंजाब इन्जिनियरिंग कॉलेज, चण्डीगढ़, सीएसआईआर – सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स आर्गेनाईजेशन, चण्डीगढ़ जैसे इस क्षेत्र के अकादमिक व अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया गया था।

श्रीमति देवप्रीत सिंह ने इस क्षेत्र के अकादमिक एवं अनुसंधान संस्थानों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वैज्ञानिक व चिकित्सक इस रोग पर नियंत्रण पाने हेतु मोर्चे से अगुवाई कर रहे हैं तथा इसके समानांतर नवीन अनुसंधानकर्ता एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े इन्जियनर्स इस महमारी के कारण पड़ने वाले प्रभाव व क्षति को कम करने में हमारी सहायता करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस वैबीनार का उद्देश्य इस क्षेत्र के वैज्ञानिक संस्थानों के अपने-अपने विभिन्न अनुभव / नई खोजें साझा करना है।इस वैबीनार को संबोधन करते हुए जालन्धर स्थित डॉ. बीआर अम्बेडकर नेश्नल इनस्टीच्यूट ऑफ़ टैक्नोलोजी (एनआईटी) के ऐसोसिएट प्रोफ़ैसर डॉ. कुलदीप सिंह नगला ने कहा कि कोविड-19 महामारी के विरुद्ध मानवता की सामूहिक अनुक्रिया हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आवश्यक हैं। डॉ. नगला ने एनआईटी, जालन्धर के हालिया नवीन अनुसंधानों जैसे अन्यों के अतिरिक्त सतहों की अल्ट्रा-वॉयलेट स्वच्छता, रासायन-मुक्त एयर प्योरीफ़ाइर, आईसोलेशन वार्डों हेतु सर्विस रोबोट्स एवं समस्त शरीर के लिए सिंग्ल पीस पीपीई कवर जैसे उपकरणों से भागीदारों को अवगत करवाया।

रोपड़ स्थित इण्डियन इनस्टीच्यूट ऑफ़ टैक्नोलोजी (आईआईटी) के कैमीकल इन्जिनियरिंग विभाग के असिसटैंट प्रोफ़ैसर डॉ. असद एच. साहिर ने कहा कि अकादमिक व उद्योग भागिदारियों के कारण विभन्न नए अनुसंधान हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्य कर्मचारियों के कोविड-19 रोगियों के शारीरिक संपर्क में आना कम करने हेतु उनके संस्थान ने पीजीआई चण्डीकढ़ के सहयोग से कम-लागत वाले दो सवायतत वाहन – ‘मैडी सारथी’ तथा ‘एआई-पावर्ड ट्रॉली’ विकसित किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्थान की महिला इन्जियर्स ने भी इन समयों के दौरान बहुमूल्य योगदान डाला है तथा इन कठिन समयों में अग्रणी भूमिका निभाई है।

चण्डीगढ़ स्थित पंजाब इन्जियनिरिंग कॉलेज (पैक) के कंप्यूटर साइंस एण्ड इन्जियनिरिंग विभाग के प्रोफ़ैसर डॉ. दिव्या बंसल ने कोविड के समयों के दौरान ऑनलाईन शिक्षा के महत्तव को उजागर किया। उन्होंने कहा कि उनके संस्थान ने विभिन्न ऑनलाईन शैक्षणिक मंचों से समन्वय स्थापित करके विभिन्न प्रौ़द्योगिक क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए कोर्स उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड काल के दौरान अस्पतालों व आईसोलेशन वार्डों हेतु पैक, चण्डीगढ़ द्वारा बिना संपर्क के भोजन व औषधियों की डिलिवरी के लिए स्वयं सेविका बौट जैसी विभिन्न नए अनुसंधान विकसित किए गए थे।

चण्डीगढ़ स्थित सीएसआईआर – सैंट्रल साइंटीफ़िक इनस्टरूमैंट्स आर्गेनाईज़ेशन के प्रिंसीपल वैज्ञानिक एवं पीआरओ डॉ. नवनीत सिंह औलख ने भागीदारों को अपने संगठन के प्रमुख अनुसंधानों व इन्जिनियरिंग संबंधी उत्पादों जैसे पोर्टेबल वैंटीलेटर, इलैक्ट्रोस्टैटिक डिसइन्फ़ैक्शन मशीन, आँखों हेतु सुरक्षा ऐनकें, एयरोसोल रीस्ट्रिक्टिंग कैनोपी बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि विद्यार्थियों को लैक्चर्स/ट्यूटोरियल्स उपलब्ध करवाने हेतु एक यू-ट्यूब चैनल बी बनाया गया है।

रीजनल आऊटरीच ब्यूरो, चण्डीगढ़ के उप-निदेशक श्री अनुज चांडक ने वैबीनार के मॉड्रेटर की भूमिका निभाते हुए कहा कि भारत सरकार पहले ही भारत में विद्यमान प्रतिभा के अथाह सागर का लाभ लेने हेतु सक्रिय हैं; इस लिए इन नए अनुसंधानकर्ताओं को उपयुक्त माहौल मुहैया करवाया जा रहा है तथा उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है; इस लिए आत्मनिर्भर भारत ऐप, इनोवेशन चैलेंज व हैकाथॉन्स जैसी विभिन्न क्राऊडसोर्सिंग पहलकदमियां की जा रही हैं।

इस वैबीनार में आईआईटी रोपड़; डॉ. बीआर अम्बेडकर एनआईटी जालन्धर; पंजाब इन्जियनरिंग कॉलेज चण्डीगढ़ व गुरु नानक इन्जियनिरिंग कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं व विद्यार्थियों ने भाग लिया।यह सत्र पीआईबी शिमला के सहायक निदेशक श्री हिमांशु पाठक द्वारा भागीदारों के धन्यवाद के साथ संपन्न हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के इस क्षेत्र से अन्य अधिकारियों ने भी इस वैबीनार में भाग लिया।


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