
जालंधर ब्रीज: संपूर्ण देश में कोविड-19 के रोगियों की आरोग्य-प्राप्ति (रिकवरी) दर 63.33 प्रतिशत है, जबकि उत्तरी क्षेत्र के राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब एवं केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ की यह आरोग्य-प्राप्ति दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है तथा 69 से 75 प्रतिशत के बीच है। हरियाणा 75.76 प्रतिशत की दर के साथ अग्रणी है, केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ 74.96 प्रतिशत के साथ इसके बहुत समीप दूसरे स्थान पर है तथा उसके बाद 70.51 प्रतिशत के साथ हिमाचल प्रदेश तीसरे एवं 69.02 प्रतिशत के साथ पंजाब चौथे स्थान पर है। यदि इन तीनों राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ की बात की जाए, तो कुल सक्रिय मामलों की मद में भी ये 8,612 सक्रिय मामलों के साथ बेहतर स्थिति में हैं।
उत्तर क्षेत्र में कोविड-19 के मामलों की स्थिति 16 जुलाई, 2020 को निम्नलिखित अनुसार है। तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ में आरोग्य-प्राप्ति की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | अब तक कुल पाज़िटिव कोविड–19 मामले | कुल सक्रिय कोविड–19 मामले | आरोग्य–प्राप्ति हुए कुल कोविड–19 रोगी/डिस्चार्ज हुए रोगी | आरोग्य–प्राप्ति दर (%) |
हरियाणा | 24002 | 5495 | 18185 | 75.76 |
हिमाचल प्रदेश | 1377 | 382 | 971 | 70.51 |
पंजाब | 9094 | 2587 | 6277 | 69.02 |
चण्डीगढ़ | 635 | 148 | 476 | 74.96 |
भारत सरकार द्वारा ‘संपूर्ण सरकार’ की नीति के अंतर्गत राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिल कर एक दर्जाबन्द, रोककारी व सक्रिय पहुंच अपनायी है, जिसके अंतर्गत कोविड-19 की रोकथाम, उसे रोकने तथा इस स्थिति से निपटने हेतु प्रबन्ध किए जा रहे हैं। घर-घर जा कर सर्वेक्षण करने, निश्चित घेरे के भीतर की गतिविधियों पर नियंत्रण, रोगी के संपर्क में आए लोगों की समय पर तलाश एवं कन्टेनमैंट ज़ोन्स की सतर्कता, बड़े स्तर पर टैस्टिंग, समय पर डायग्नोसिस व देखभाल के मानदण्डीय प्रोटोकोल अच्छे ढंग से क्रियान्वित करके मध्यम व गंभीर प्रकार के मामलों के क्लिीनिकल प्रबध के साथ देश में कोविड-19 का वास्तविक केस-लोड सीमित व नियंत्रण में रहा है तथा उनके आरोग्य होने के अवसर बहुत अधिक बढ़ गए हैं।
परिलक्षित उपायों के कारण सक्रिय मामलों की संख्या में स्थिरतापूर्वक कमी आई है। 17 जुलाई, 2020 को, देश में कोविड-19 के रोगियों का वास्तविक केस-लोड केवल 3,42,756 है। कुल मामलों में 6.35 लाख से अधिक (63.33 प्रतिशत) ठीक हो चुके हैं। 1.35 अरब लोगों के साथ विश्व के दूसरे सब से अधिक जनसंख्या वाले देश भारत में प्रति 10 लाख की जनसंख्या के पीछे मामलों की संख्या यूरोप के कुछ देशों से 4 से 8 गुना कम है। देश में मृत्यु दर प्रत्येक 10 लाख रोगियों के पीछे 18.6 है तथा यह आंकड़ा दुनिया के सब से कम आंकड़ों वाले देशों में से एक है।
केन्द्र एवं राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए साझे प्रयासों के कारण टैस्टिंग सामर्थ्य, स्वास्थ्य आधारभूत संरचना में बढ़ोतरी हो रही है, एसएआरआई/आईएलआई मामलों में सतर्कता को प्राथमिकता देना व वृद्धजनों व पहले से रोगों के साथ जूझ रहे लोगों का सुनिश्चित तौर पर पता लगाने के कारण समस्त भारत में आरोग्य-प्राप्ति की दरों में निरंतर सुधार हो रहा है।
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