
‘कोविड-19 काल में सरकारी संचार रणनीति’ विषय पर एक वेबिनार में भागीदारों को संबोधन करते हुए, श्रीमति देवप्रीत सिंह, अपर महानिदेशक (उत्तरी ज़ोन), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि इन्टरपर्सनल संचार ने अब वेबिनारों का एवं वर्चुअल रूप धारण कर लिया है क्योंकि कोरोना के इस युग में सूचना पसार प्रक्रिया में डिजीटल संचार को अधिक प्रमुखता मिल रही है।
यह वेबिनार आज भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय, शिमला एवं रीजनल आऊटरीच ब्यूरो, चण्डीगढ़ द्वारा शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन-संचार विभाग के समन्वय से आयोजित किया गया था। ऐसे वेबिनार आयोजित करने का उद्देश्य ब्यान करते हुए, श्रीमति देवप्रीत सिंह ने कहा कि इससे शिक्षा-शास्त्रियों व भारत सरकार के मध्य परस्पर तालमेल व जान-पहचान बढ़ेगी क्योंकि संचार प्रणाली में ये दोनों ही महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं।
श्री आशीष गोयल, निदेशक (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र), आरओबी चण्डीगढ़ ने भागीदारों को जानकारी देते हुए कहा कि सरकारी संचार जन साधारण को सूचना मात्र देने से समर्थन देने व उनके साथ जुड़ने की ओर बढ़ गया है जो वास्तव में किसी भी प्रभावी सरकारी संचार की पहचान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को संचार द्वारा लोगों को कोविड उपयुक्त व्यवहारों की ओर ले जाना चाहिए। सोशल मीडिया के फ़ायदों संबंधी बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे दोनों ओर बात हो सकती है क्योंकि जनता से फीडबैक लेना और आसान हो गया है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला स्थित पत्रकारिता एवं जन-संचार विभाग के अध्यक्ष व प्रोफ़ैसर डॉ. विकास डोगरा ने कहा कि व्यवहारिक परिवर्तन सरकारी संचार का मुख्य गुण है। सूचना के पसार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाईयों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि निजी मीडिया के और अधिक समावेश व फीडबैक की गुंजाइश है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में पत्रकारिता एवं जन-संचार विभाग के प्रोफ़ैसर शशिकांत शर्मा ने कोविड-19 के दौरान प्रिन्ट मीडिया द्वारा विभिन्न चुनौतियों का सामना करने की बात की। उन्होंने कहा कि प्रिन्ट मीडिया बुरी तरह से प्रभावित हुआ है क्योंकि लॉकडाऊन के कारण इस की सरकुलेशन घटने से उस की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
समस्या से अवगत करवाया, जिसे प्रायः ‘इन्फ़ोडैमिक’ (सूचना महामारी) कहा जाता है। उन्होंने पीआईबी चण्डीगढ़ में क्षेत्रीय ‘फ़ैक्ट चैक युनिट’ (तथ्य जांच इकाई) स्थापित करने व हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा व केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के समस्त क्षेत्र में केन्द्र सरकार से संबंधित किसी फ़र्ज़ी समाचार के पसार पर सतर्कता बरतने हेतु इसकी कार्यशैली संबंधी जानकारी दी।
श्री हिमांशु पाठक, सह-निदेशक, पीआईबी शिमला ने कोविड युग के दौरान सोशल मीडिया द्वारा संचार की भूमिका संबंधी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विगत तीन माह के दौरान संदेशों के आदान-प्रदान का संपूर्ण ध्यान लॉकडाऊन-1 से अनलॉक-2 पर केन्द्रित रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाऊन काल के दौरान सारा फ़ोक्स दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने व घर के भीतर ही रहने के सन्देश पर बल देते हुए राष्ट्रीय हिदायतों पर था तथा अब अनलॉक के दौरान संपूर्ण ध्यान परिवर्तित होकर नए आम व्यवहार को अपनाने पर केन्द्रित हो गया है।
श्री तारिक राथर, उप‘-निदेशक, डीडी न्यूज़, शिमला ने कहा कि जन-सेवा प्रसारक के तौर पर इस काल में विशेष तौर पर रिपोर्टिंग करते हुए जवाबदेह होना महत्त्वपूर्ण है।
श्री रितेश कपूर, सहायक निदेशक, ऑल इण्डिया रेडियो, न्यूज़ शिमला ने कहा कि आकाशवाणी शिमला द्वारा लोगों को सही व विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध करवाने हेतु दो विशेष कोविड बुलेटिन जोड़े गए थे।
इस वेबिनार में शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन-संचार विभाग के विद्यार्थियों, अध्यापकों व खोजार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने इस सत्र की प्रशंसा की एवं इसे अत्यंत जानकारी भरपूर बताया। लगभग 35 विद्यार्थी, खोजार्थी एवं अध्यापक इस वेबिनार में सम्मिलित हुए।यह सत्र श्री प्रीतम सिंह, उप निदेशक, पीआईबी शिमला द्वारा भागीदारों का धन्यवाद करने के साथ संपन्न हुआ। श्री हितेश रावत, सह-निदेशक, पीआईबी चण्डीगढ़, सुश्री सपना, सह-निदेशक, आरओबी चण्डीगढ़ तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के इस क्षेत्र में स्थित अन्य अधिकारियों ने भी इस वेबिनार में भाग लिया।
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