
जालंधर ब्रीज: राज्य में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को कोविड के गंभीर मरीजों को संभालने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग में 300 ऐडहाॅक पद भरने की मंजूरी दे दी है। तीनों सरकारी चिकित्सा काॅलेजों में 100-100 पद भरे जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने खाली पदों और मंजूरशुदा पद अधीन चिकित्सा और तकनीकी स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया तेज करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश तब दिए गए जब राज्य सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार और पीजीआई के पूर्व डायरैक्टर डाॅ के.के. तलवार ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कोविड के गंभीर मरीजों को संभालने के लिए हरेक चिकित्सा काॅलेज में 100-100 स्टाफ भर्ती किये जाने की जरूरत है जिनमें मुख्यतौर पर सीनियर रैजीडैंट डाॅक्टर और सहायक प्रोफैसर शामिल हैं।
डाॅ. तलवार की स्टाफ की जरूरत बारे सिफारशों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री ने 300 पद भरने की मंजूरी दे दी। उन्होंने विभाग को आदेश दिए कि ग्रैजुएट विद्यार्थियों को सीनियर रैजीडैंट के तौर पर लेकर ऐडहाॅक भर्ती किया जाये। यह नियुक्तियाँ बाद में इम्तिहान के पास होने की शर्त पर होंगी। उन्होंने सुझाव दिया कि स्टाफ की तुरंत कमी दूर करने के लिए सहायक प्रोफैसरों को वाॅक-इन चयन के द्वारा रख लिया जाये।मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में कोविड की स्थिति का जायजा लेने के लिए की गई वीडियो काॅन्फ्रेंस के दौरान निर्देश जारी किये गए।
यह बताते हुए कि स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न स्तर के 6000 पद भरने के लिए पहले ही मंजूरी दी गई थी, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डाॅक्टरों खासकर ऐनस्थीजिया माहिरों, नर्सोें, लैब तकनीशनों, वार्ड ब्वाय और अन्यों सहित हर स्तर पर भर्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिए विभाग को कहा।इससे पहले अपनी विस्तृत प्रस्तुति के दौरान डाॅ. तलवार ने कहा कि सरकारी चिकित्सा काॅलेजों और तीसरा दर्जा केंद्र वाले अस्पतालों में कोविड के लिए सीनियर रैजीडैंट डाॅक्टरों /ऐनस्थीजिया /मैडिसन /जरूरत अनुसार अन्य जरुरी स्टाफ की जल्द भर्ती की जरूरत है। उनके द्वारा जूनियर फेकल्टी के तजुर्बे के लिए पी.जी.आई /एम्ज के कोविड आई.सी.यू में कम समय के तजुर्बे के लिए सुझाव दिया गया जिसको मुख्यमंत्री द्वारा मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री द्वारा उस सुझाव को भी मंजूरी दी गई जिसमें आई.सी.यू में मरीजों को बढ़िया इलाज देने के लिए ऐनस्थीजिया /क्रिटीकल केयर में से एक मैंबर 24 घंटे ड्यूटी पर लगाए जाने के लिए कहा गया।राज्य में महामारी के चरम की तरफ बढ़ने और आने वाले हफ्तों में स्थिति गंभीर होने की चिंताअें के चलतेे मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों को बिना लक्षण वाले मामलों के सैंपल प्रमुखता के साथ लेने और कोविड टैस्टों की रिपोर्टें 12 घंटों में सौंपे जाने सम्बन्धी निर्देश दिए गए। यह कहते हुए कि देरी पाॅजिटिव मामलों में घातक सिद्ध हो सकती है, उन्होंने लोगों को शुरूआती लक्षणों के दिखने पर या अन्य चिंताओं सम्बन्धी सबसे पहले 104 नंबर डायल करने के लिए अपील की। कई मामलों में देरी के कारण मृत्युदर बढ़ने की रिपोर्टों बारे चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग को उचित समय पर इलाज के लिए नागरिकों को सचेत करने हेतु हर कदम उठाने के लिए कहा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को कोविड के मरीजों, जिनमें प्राईवेट हस्पताल में दाखिल मरीज भी शामिल हैं, बारे जानकारी एकत्रित करने और अपडेट करने की प्रक्रिया को और सुचारू बनाने के लिए कहा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को प्राईवेट अस्पतालों के साथ करीबी तालमेल बनाकर रखने की हिदायत भी दी जिससे कोविड -19 के खिलाफ राज्य की जंग में उनका सक्रिय सहयोग लिया जा सके।मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अनुसार राज्य के 92 प्राईवेट हस्पताल कोविड केयर सम्बन्धी सुविधाएं प्रदान करने के लिए पहले ही सहमत हो चुके हैं और विभाग ने इन प्राईवेट अस्पतालों और क्लिनिकों के साथ आगे की रणनीति बनाने के लिए विचार -विमर्श करने के लिए कल मीटिंग रखी है।
मुख्यमंत्री द्वारा इस विभाग को प्राईवेट अस्पतालों और क्लिनिकों में कोविड के इलाज और फीस निर्धारित करने बारे संभावनाएं तलाशने के लिए पहले ही हिदायत की गई है।मीटिंग के दौरान राज्य के 19 माईक्रो-कंटेनमैंट क्षेत्रों, जिनमें एक गाँव /वार्ड में 5 से अधिक और 15 तक कोविड पाॅजिटिव केस हों, में इस महामारी को रोकने के लिए ढांचे को और मजबूत करने के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
इस समय ज्यादातर माईक्रो कंटेनमैंट क्षेत्र अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, संगरूर और रोपड़ जिलों में हैं, जिनमें से पहले तीन जिलों में बड़ी संख्या में केस आए हैं।मुख्यमंत्री ने विभाग को माईक्रो-कंटेनमैंट क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर टेस्टिंग और संपर्क ट्रेसिंग करने के अलावा इलाज और निगरानी को और सक्रिय करने के लिए कहा। उन्होंने राज्य भर में नमूने एकत्रित करने को और गतिशील बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। 21 जून तक कुल 2,39,995 नमूनों की जांच की गई। 21 जून तक पंजाब में 1276 एक्टिव केस थे, जिनमें से पाँच वेंटिलेटर और 21 आॅक्सीजन पर थे और इस बीमारी के कारण 99 जानें गई थीं।
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