
भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी एस एण्ड पी ग्लोबल रेटिंग्स एण्ड फिच रेटिंग्स के हालिया अनुमानों से इस क्षेत्र के उद्योगपति सहमत हैं उन्होंने कहा है कि हाल ही में घोषित सुधारों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवहारिक है।एमएसएमई एजूकेशन कन्सलटिंग कारोबार के संस्थापक अजय बुद्धिराजा ने कहा कि विगत कुछ समय के दौरान सरकार द्वारा घोषित सुधारों व उन्हें क्रियान्वित करने की राजनीतिक इच्छा-शक्ति के मद्देनज़र एस एण्ड पी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर संबंधी प्रस्तुत किए गए अनुमान प्राप्ति-योग्य हैं।एस एण्ड पी ग्लोबल रेटिंग के अनुमानानुसार इस वित्तीय वर्ष की गिरावट के पश्चात् भारत की अर्थव्यवस्था में एक सशक्त तेज़ी आने की सभावना है तथा वित्तीय वर्ष 2022 में सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर8.5 प्रतिशत रह सकती है मोहाली के एक उद्योगपति अनुराग अग्रवाल ने कहा कि यह देख कर हर्ष हुआ कि फिच रेटिंग्स के अनुमानानुसार आगामी वर्ष भारत की सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत होगी।आपूर्ति को उत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा की गईं पहलों की उन्होंने सराहना की परन्तु उन्होंने कहा कि मांग की ओर भी प्रोत्साहन की आवश्यकता है।भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को उत्साहित करने हेतु ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के अंतर्गत गत माह कई घोषणाएं की थीं।
भारत की अर्थव्यवस्था संबंधी आशावादी अनुमान के बीच गृह मंत्रालय द्वारा इस क्षेत्र में अन्य गतिविधियां चरणबद्ध ढंग से पुनः प्रारंभ करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। 30 मई, 2020 को जारी इन दिशा-निर्देशों द्वारा गत 8 जून से धार्मिक स्थल, जनता हेतु पूजा-पाठ, अरदास, दुआ-बन्दगी करने वाले स्थल, होटल, रेस्तोरां व आतिथ्य से संबंधित अन्य सेवाएं व शापिंग मॉल्स पुनः खोल दिए गए हैं। पंजाब के मालेरकोटला के एक रेहड़ी विक्रेता लॉकडाऊन के प्रतिबंध हटाए जाने से प्रसन्न हैं क्योंकि अब वह अपने फल बेचने व अपने लिए आजीविका कमाने के योग्य हो सके हैं। अब क्योंकि सावधानी ही नया आम व्यवहार है, अतः शिमला, हिमाचल प्रदेश में एक हेयर-ड्रैसर अपने ग्राहकों की सुरक्षा का पूर्ण ख़्याल रखते हुए एक उपयुक्त पीपीई किट से अपना कार्य कर रहे हैं।
पुनः खुलने का वर्तमान चरण, अनलॉक के मध्य संपूर्ण ध्यान अर्थव्यवस्था पर केन्द्रित रखा गया है। 24 मार्च, 2020 से पूरे देश में बहुत सख़्त लॉकडाऊन लागू कर दिया गया था। आवश्यक गतिविधियों को छोड़ कर सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगे हुए थे। उसके उपरान्त एक चरणबद्ध ढंग से कोविड-19 का पासार रोकने के मुख्य उद्देश्य से लॉकडाऊन के उपायों में ढील दी गई है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी वर्तमान दिशा-निर्देश 1 जून, 2020 से क्रियान्वित हुए थे।
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