June 17, 2025

Jalandhar Breeze

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पंजाब पुलिस द्वारा फिरौती रैकेट का पर्दाफाश, लारेंस बिश्नोई गैंग के दो गुर्गे काबू; दो पिस्तौल भी किये बरामद

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जालंधर ब्रीज: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के स्वप्न अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए शुरु की मुहिम के अंतर्गत पंजाब पुलिस के स्टेट स्पैशल ऑपरेशन सैल्ल (एसएसओसी) ने मंगलवार को गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई की हिमायत वाले फिरौती रैकेट का पर्दाफाश करते हुये गिरोह के दो मुख्य गुर्गों को गिरफ़्तार किया है। इन के पास से दो .32 बोर के पिस्तौल सहित दो जिंदा कारतूस बरामद किये गए हैं। 

गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान तरलोचन सिंह उर्फ राहुल चीमा निवासी सैक्टर 26 चंडीगढ़ और हरीश उर्फ हैरी उर्फ बाबा गाँव बुपानिया ज़िला झज्जर, हरियाणा के तौर पर हुई है।

ए.आई.जी. एस.एस.ओ.सी एस.ए.एस. नगर अश्वनी कपूर ने बताया कि उनको ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी कि लारेंस बिश्नोई गिरोह के कुछ मैंबर पंजाब और आसपास के राज्यों के कारोबारियों और रसूख़दार व्यक्तियों को फिरौती के लिए धमकी भरी कॉल कर रहे हैं और इलाके में टारगेट कीलिंग को अंजाम देने की योजना भी बना रहे थे। 

उन्होंने बताया कि एस.एस.ओ.सी. एस.ए.एस. नगर की पुलिस टीमों ने मुस्तैदी के साथ कार्यवाही करते हुए सोमवार को मुलजिम तरलोचन सिंह को दो जिंदा कारतूसों और एक पिस्तौल सहित गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद मंगलवार को मुलजिम हरीश उर्फ हैरी को भी एक पिस्तौल समेत गिरफ़्तार कर लिया गया। 

एआईजी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता लगा है कि गिरफ़्तार किये गए दोनों व्यक्ति प्रसिद्धि प्राप्त करना चाहते थे और उन्होंने अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रोफाइल बनाऐ थे, जहाँ वह नौजवानों को लुभाने के लिए हथियारों और गोला-बारूद का प्रदर्शन करते थे और मासूम नौजवानों को गिरोह के लिए काम करने के लिए उकसाते थे। उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति भोले-भाले नौजवानों को गिरोह का हिस्सा बनने के बदले अच्छी रकम देने का वायदा करके हाई प्रोफाइल जीवन शैली देने की पेशकश करते थे। 

उन्होंने बताया कि एस. एस. ओ. सी ने दोनों मुलजिमों को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद तीन दिनों का पुलिस रिमांड ले लिया है और माड्यूल के अन्य सदस्यों का पता लगाने और उनको पकड़ने के लिए आगे जांच जारी है। 

इस सम्बन्धी में 11- 09- 2023 को पुलिस थाना एसएसओसी मोहाली में हथियार एक्ट की धाराओं 25, 25(6) और 25(7) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं 384 और 1202 के अधीन मामला दर्ज किया गया है


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