August 4, 2025

Jalandhar Breeze

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‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को इस क्षेत्र में मिला शिक्षा-शास्त्रियों व किसानों का समर्थन

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जालंधर ब्रीज: वित्त मंत्री द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के अंतर्गत घोषित किए गए आर्थिक पैकेजों को इस क्षेत्र के शिक्षाविदों, किसानों व अन्यों का समर्थन प्राप्त हुआ है। प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई, 2020 को अर्थव्यवस्था, सिस्टम, जीवंत डैमोग्राफी व मांग के पांच स्तंभों पर ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के प्रारंभ करने की घोषणा की थी।

वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण ने अपनी ताज़ा घोषणाओं में शिक्षा क्षेत्र हेतु कुछ विशेष कदम उठाने के प्रस्ताव रखे थे; जैसे डिजीटल / ऑनलाईन शिक्षा तक मल्टी-मोड पहुंच का कार्यक्रम ‘प्रधान मंत्री ई-विद्या’ (PM e-VIDYA); विद्यार्थियों, अध्यापकों व परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य व भावनात्मक तन्दरुस्ती हेतु मनो-सामाजिक समर्थन की पहलकदमी ‘मनोदर्पण’। स्कूल, प्रारंभिक बचपन व अध्यापकों हेतु नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम व शिक्षा-वैज्ञानिक ढांचे की भी शुरुआत की जाएगी। वर्ष 2025 तक ग्रेड 5 में प्रत्येक बच्चा सीखने के स्तर प्राप्त करे, इस लिए दिसम्बर 2020 तक ‘नेश्नल फ़ाऊण्डेश्नल लिट्रेसी एण्ड न्यूमरेसी मिशन’ प्रारंभ किया जाएगा। जालन्धर स्थित केएमवी कालेज के प्रिंसीपल डॉ. आतिमा शर्मा ने इन पहलकदमियों को दूर-दृष्टिपूर्ण करार देते हुए कहा कि इसने अध्यापक वर्ग को महत्त्वपूर्ण दिशा दी है। लर्निंग पाथ्स स्कूल के निदेशक श्री रौबिन अग्रवाल ने कहा कि ई-विद्या (e-VIDYA) के अंतर्गत सृजित ई-कन्टैंट से नेत्रहीनों व बधिरों को सहायता मिलेगी।

आर्थिक पैकेज के अंतर्गत की गई घोषणाओं में 15,000 करोड़ रुपए के पशु-पालन आधारभूत संरचना विकास कोष का प्रस्ताव रखा गया है, जिस का उद्देश्य डेयरी प्रोसैसिंग, मूल्य संवर्धन व पशु-ख़ुराक आधारभूत संरचना में निजी निवेश हेतु सहायता करना है। बढ़िया उत्पादों के निर्यात के लिए संयंत्र स्थापित करने हेतु प्रोत्साहन (इन्सैंटिव्स) दिए जाएंगे। डेयरी का संचालन करने वाले नरेन्द्र राणा ने कहा कि इससे डेयरी क्षेत्र को प्रफुल्लित होने में सहायता मिलेगी। हरियाणा के नारनौल में एक फ़र्नीचर निर्माण इकाई के मालिक प्रवीण जैन प्रसन्न हैं कि उनकी इकाई में कार्य पुनः प्रारंभ हो गया है तथा कहा कि इस आर्थिक पैकेज से छोटे निर्माताओं को अत्यधिक राहत मिलेगी।

हरियाणा में कैथल ज़िले के किसान गुरद्याल सिंह ने कहा कि हाल ही में घोषित उपायों से कृषक प्रसन्न हैं। जैसे कि घोषणा की गई है, ग्रामीण सहकारी बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को फसल-ऋण की आवश्यकता की पूर्ति हेतु नाबार्ड (NABARD) 30,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त री-फ़ाईनांस सहायता प्रदान करवाएगा। यह रीफ़ाईनांस फ्रन्ट-लोडेड होगा तथा तत्काल उपयोग हेतु उपलब्ध होगा। यह राशि उस 90,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त है, जो नाबार्ड (NABARD) द्वारा इस क्षेत्र को प्रायः दी जाती है। इस से लगभग 3 करोड़ किसानों, अधिकतर छोट व हाशिये पर जा चुके, को लाभ होगा तथा इससे उनकी रबी की कटाई के पश्चात व ख़रीफ़ की वर्तमान आवश्यकताएं पूरी होंगी।


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