June 19, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

बिना अनुमति के बोरवेल खोदने या गहरा करने पर रोक

Share news

जालंधर ब्रीज: जिला मैजिस्ट्रेट कम डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे कुओं एवं ट्यूबल की खुदाई से लोगों एवं बच्चों के इन बोरवेल में गिरने की आशंका को देखते हुए जिले में बिना अनुमति बोरवेल खोदने या गहरा करने पर रोक लगा दी है। इस लिए सक्षम प्राधिकारी से सशर्त प्रवानगी को अनिवार्य किया गया है।

जिला मैजिस्ट्रेट कम डिप्टी कमिश्नर फ़ौजदारी प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला कपूरथला की सीमा के भीतर ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में बोरवेल/ट्यूबवेल की खुदाई/मरम्मत करने से पहले भू-स्वामियों और संबंधित विभागों को आदेश जारी किए हैं। कुआं/बोर खोदने पर उसके स्वामी को संबंधित जिला कलेक्टर, संबंधित ग्राम पंचायत, नगर परिषद, जनस्वास्थ्य विभाग, भूमि संरक्षण विभाग (ग्राउंड वाटर) को 15 दिन पूर्व सूचना देनी होगी।

इसके साथ ही कुओं/बोरवेलों की खुदाई या मरम्मत करने वाली सभी एजेंसियों जैसे सरकारी/अर्धसरकारी/निजी आदि को कुएं/बोरवेल खोदने/मरम्मत करने वाली एजेंसी के नाम और पंजीकरण संख्या के साथ पंजीकृत करना होगा और पूर्ण भू-स्वामी का विवरण नाम व पता संबंधित बोरिंग स्थान के निकट होना ज़रूरी होगा।

बोरवेल के चारों ओर बाड़ लगाना और इसे स्टील प्लेट से नट बोल्ट के साथ कवर करना अनिवार्य होगा। बोरवेल के चारों ओर जमीनी स्तर से 0.30 मीटर नीचे और 0.30 मीटर ऊंचा एक सीमेंट/कंक्रीट प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।

इसके अलावा कुआं/बोरवेल खोदने या मरम्मत करने के बाद यदि कोई खाली जगह हो तो उसे मिट्टी से भर देना होगा और काम पूरा होने के बाद जमीन को समतल कर देना होगा। किसी भी हालत में कुआं या बोरवेल खाली नहीं छोड़ना जाये। कोई भी व्यक्ति कुआं/बोरवेल खोदने या मरम्मत करने के लिए जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग से लिखित अनुमति नहीं लेगा और उनके पर्यवेक्षण के बिना कार्य नहीं करेगा।

ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच एवं कृषि विभाग के अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में जनस्वास्थ्य विभाग, भूगर्भ जल, नगर परिषद जूनियर इंजीनियर एवं कार्यकारी इंजीनियर अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में प्रत्येक माह रिपोर्ट तैयार करेंगे कि उनके द्वारा जिले में कितने बोरवेल/कुएं आदि नये खोदे गये हैं। कितनो की मरम्मत की गई है, कितने उपयोग में हैं, कितने भरे गए हैं।

इन विभागों द्वारा अपने संबंधित क्षेत्र की उक्त रिपोर्ट की एक कापी अपने कार्यालय में रिकॉर्ड के रूप में रखेंगे और एक कापी हर महीने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) कपूरथला और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) कपूरथला को भेजी जाएगी। ये आदेश 18 फरवरी 2023 तक लागू रहेंगे।


Share news

You may have missed