
जालंधर ब्रीज: पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी के अतिरिक्त मैंबर सचिव श्रीमती स्मृति धीर ने कहा कि नेशनल लीगल सर्विसेज अथारिटी(नालसा) का उद्देश्य पंचायत स्तर पर जाकर लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुक करना है, जिसके लिए जिला स्तर पर जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुक कर रही है। वे आज पैन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से चलाए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम में विशेष तौर पर हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लीगल विलेज लिटरेसी के लिए चुने गए होशियारपुर के तीन गांवों हैदरोवाल, हरदोखानपुर, अखलासपुर का दौरा किया।
इस मौके पर उनके साथ इंचार्ज जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी श्री जे.एस. खुरमी, सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी श्रीमती अपराजिता जोशी भी मौजूद थे।पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी के अतिरिक्त मैंबर सचिव श्रीमती स्मृति धीर ने कहा कि जागरुकता कार्यक्रमों की इस कड़ी में पंजाब के हर जिले में लीगल विलेज लिटरेसी के अंतर्गत गांवों का चयन कर वहां के लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुक किया जा रहा है।
अथारिटी की ओर से बनाए गए प्रश्न उनसे पूछे जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं से घरेलू हिंसा, हिंदू मैरिज एक्ट के बारे में पूछा जा रहा है। इसी तरह ड्रग्ज, एक्साइज आदि से संबंधित सवाल भी पूछे जा रहे हैं। लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के अलावा स्थायी लोक अदालत के फायदों से परिचित करवाया जा रहा है, जिसमें हमारे पी.एल.वी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
स्मृति धीर ने बताया कि हर वह व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम हो, हवालाती, महिला, बच्चा, औद्योगिक लेबर, अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति के लोगों को नि:शुल्क कानूनी सहायता ले सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लोगों को कानूनी अधिकारों के प्रति सशक्त करना है।
सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी श्रीमती अपराजिता जोशी ने बताया कि पैन इंडिया अभियान के अंतर्गत लोगों को नि:शुल्क कानूनी सेवाओं के बारे में जागरुक करने के लिए जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से जिले में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत दो तरह के जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। पहले जागरुकता अभियान ‘इंपावरमेंट ऑफ सिटीजन थ्रू लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच’ में पूरे जिले को कवर किया जा रहा है जबकि दूसरे जागरुकता अभियान ‘हक हमारा भी तो है’ के अंतर्गत केंद्रीय जेल के हवालातियों व कैदियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जा रहा है।
इसके अलावा जुवेनाइल होम व स्पेशल होम भी इसी अभियान में कवर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहला जागरुकता अभियान 31 अक्टूबर 13 नवंबर तक व दूसरा अभियान 1 नवंबर 13 नवंबर तक चलाया जाएगा। इन जागरुकता अभियानों में बी.डी.पी.ओ, समाज सेवियों, पैरा लीगल वालंटियर, पैनल एडवोकेट्स, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर व अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं ताकि सभी तक नि:शुल्क कानूनी सेवाओं संबंधी संदेश पहुंच सके।
अपराजिता जोशी ने बताया कि इस जागरुकता अभियान का उद्देश्य दूर-दराज के इलाकों में भी लोगों तक नि:शुल्क कानूनी सेवाओं संबंधी जागरुकता फैलाना है। उन्होंने बताया कि इसी अभियान के बीच 9 नवंबर को लीगल सर्विसेज डे के अंतर्गत एक मैगा लीगल अवेयरनैस कैंप माउंट कार्मल स्कूल कक्कों में लगाया जाएगा, जिसमें अलग-अलग विभागों की ओर से स्टाल लगा कर मौके पर लोगों को नागरिक सेवाएं दी जाएंगी। इसके अलावा केंद्रीय जेल होशियारपुर में भी इसी दिन कैदियों व हवालातियों को जागरुक करने के लिए एक विशेष कैंप आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का भी आयोजन होगा, जिसका लोग अधिक से अधिक लोग लाभ ले सकते हैं।
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