
जालंधर ब्रीज: भारतीय दूरसंचार नेटवर्क आज सबसे अधिक लागत प्रभावी दरों के साथ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह विकास मोदी सरकार की बाजार अनुकूल नीतियों से प्रेरित है। यह बात केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने भारत में दूरसंचार क्षेत्र की प्रगति की सफलता की कहानी पर प्रकाश डालते हुए कही। एशिया और ओशिनिया क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के क्षेत्रीय मानकीकरण फोरम (आरएसएफ) के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दूरसंचार के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तैयार की गई भारत की नीति तीन स्तंभों- “ईज ऑफ डूइंग” उद्योग के लिए; “ईज ऑफ लिविंग” ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित सभी नागरिकों के लिए और “आत्मनिर्भर भारत” पर आधारित है।
आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान समारोह के एक उत्सव के रूप में संचार मंत्रालय एशिया और ओशिनिया क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के क्षेत्रीय मानकीकरण फोरम (आरएसएफ) की मेजबानी कर रहा है। देवुसिंह चौहान ने आज एशिया ओशिनिया क्षेत्र के लगभग 20 देशों के प्रतिभागियों के साथ संयुक्त राष्ट्र एजेंसी कार्यक्रम का उद्घाटन किया। के. राजारमन, सचिव (दूरसंचार), भारत सरकार, मनीष सिन्हा, सदस्य (वित्त) डिजिटल संचार, भारत सरकार,वी.एल. कांथा राव, अपर सचिव (दूरसंचार), भारत सरकार और बिलेल जमौसी, प्रमुख, अध्ययन समूह विभाग, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) एवं अत्सुको ओकुडा, क्षेत्रीय निदेशक, एशिया और प्रशांत के लिए आईटीयू क्षेत्रीय कार्यालय, इस समारोह में शामिल हुए।
क्षेत्रीय मानकीकरण फोरम (आरएसएफ) का विषय “दूरसंचार/आईसीटी के नियामक और नीतिगत पहलू” है। इसके बाद 09 अगस्त 2022 से 12 अगस्त 2022 तक अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ-टी अध्ययन समूह 3 क्षेत्रीय समूह एशिया और ओशिनिया (आईटीयू-टी एसजी3आरजी-एओ) की चार दिवसीय बैठक आयोजित की जाएगी।
भारत में दूरसंचार सुधारों द्वारा सृजित किए गए सकारात्मक और प्रगतिशील माहौल के बारे में बातचीत करते हुए श्री देवुसिंह चौहान ने कहा कि ये सुधार स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने, लिक्विटी बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और टीएसपी पर नियामक बोझ कम करने में समर्थ हैं। इसके परिणामस्वरूप अभी हाल में देश में 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 बिलियन डॉलर की बोलियां प्राप्त हुई हैं जो भारतीय दूरसंचार उद्योग के विश्वास और भावनाओं को दर्शाती है।
देवुसिंह चौहान ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक अत्याधुनिक दूरसंचार सुविधाओं का विस्तार करने और ‘अंत्योदय’ दर्शन के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल डिवाइड से निपटने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप निर्धारित किया है इसमें ऑप्टिकल फाइबर को देश के सभी 6 लाख गांवों तक पहुंचाना और सभी गांवों में 4जी मोबाइल संचार को उपलब्ध कराना शामिल हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि लगभग 1,75,000 गांवों में पहले से ही ऑप्टिकल फाइबर उपलब्ध हैं, जबकि लगभग 5,60,000 गांवों में 4जी मोबाइल सुविधाएं मौजूद हैं। कई अरब डॉलर की एक व्यापक योजना बनाई गई है, जो वर्ष 2025 तक सभी छह लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर और मोबाइल संचार सुविधाएं सुनिश्चित करेगी।
देश में 5जी की शुरुआत होने के बारे में जानकारी देते हुए श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और विनिर्मित उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दे रही है। इसके परिणामस्वरूप आज देश में एक मजबूत स्वदेशी 5जी मोबाइल संचार इको-सिस्टम मौजूद है। इस साल के अंत तक हम देश में 5जी नेटवर्क को शुरू करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित 5जी स्टैक को स्थापित होते हुए देख सकते हैं। हमारे इंजीनियरों ने 5जी मानकों का एक सेट विकसित किया है जो ग्रामीण क्षेत्र में 5जी नेटवर्क के विस्तार में मदद करेगा।
तेजी से बदलते हुए दूरसंचार/आईसीटी परिदृश्य को बनाए रखने और उसे आगे बढ़ाने में आईटीयू की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए श्री चौहान ने कहा कि आईटीयू सभी हितधारकों के बीच रणनीतिक सहयोग और समझ स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत का आईटीयू के साथ लंबे समय से जुड़ाव है और हम दूरसंचार परिदृश्य के संबंध में एक समान आदर्शों को साझा करते हैं।
देवुसिंह चौहान ने यह भी कहा है कि आईटीयू के अनुरूप ही भारत असंबद्ध को जोड़ने और सभी के साथ संवाद करने के अधिकार की रक्षा और समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत आईटीयू के विजन और उद्देश्यों को पूरा करने में अपना व्यापक योगदान मजबूती के साथ जारी रखेगा।
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