
जालंधर ब्रीज: पंजाब के सहकारिता और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि गन्ना काश्ताकारों की आय बढ़ाने के लिए योजना तैयार करने हेतु एक टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा।
ज़्यादा जानकारी देते हुये हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि गन्ना काश्तकारों की आय में विस्तार करने के लिए प्रति एकड़ गन्ने का झाड़ बढ़ाने के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना, इंडियन काऊंसल आफ एग्रीकल्चर रिर्सच, शूगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट कोइम्बटूर और देश स्तरीय गन्ना माहिरों के इलावा शूगरफैड्ड पंजाब के नुमायंदो को शामिल करके टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। इस टास्क फ ोर्स को तीन महीने में गन्ने का झाड़ बढ़ाने के लिए योजना तैयार करने के लिए कहा जायेगा।
चीमा ने बताया कि अगले दो सालों में गन्ने के झाड़ में न्यूनतम 100 क्विंटल प्रति एकड़ तक विस्तार करने का लक्ष्य रखा जायेगा जिससे प्रति एकड़ आय में लगभग 36,000 रुपए तक का विस्तार होगा। इस योजना के अंतर्गत गन्ना काश्तकारों को उच्च गुणवत्ता की किस्मों के शुद्ध बीज उपलब्ध करवाने के इलावा गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीकों सम्बन्धी जानकारी के साथ-साथ मशीनीकरन के बारे भी प्रशिक्षण देना शामिल होगा।
सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को हिदायतें की कि गन्ना काश्तकारों को गन्ने की खेती सम्बन्धी आधुनिक तकनीकों के बारे प्रशिक्षण देने के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना, इंडियन काऊंसल आफ एग्रीकल्चर रिर्सच, शूगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट, कोइम्बटूर और वसंतदादा इंस्टीट्यूट पुणे के साथ तुरंत संबंध कायम करके प्रशिक्षण प्रोग्राम तैयार किया जाये। इसके अलावा चीमा द्वारा यह भी हिदायत की गई कि सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ने के आने वाले बीजाई सीजन के लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना और इंडियन काउंसल आफ एग्रीकल्चर रिर्सच के करनाल केंद्र के सहयोग से गन्ने के अधिक झाड़ वाली किस्मों के लगभग 30 लाख पौधों की पनीरी तैयार करके गन्ना काश्तकारों को बीज स्वरूप दिए जाएँ।
चीमा द्वारा यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के नेतृत्व अधीन सहकारी चीनी मिलों को आत्म निर्भर बनाने के लिए इनके आधुनिकीकरन और कारगुज़ारी में सुधार के लिए भी योजना तैयार की जायेगी। इसमें वायस चांसलर पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना, डायरैक्टर इंडियन काउंसल आफ एग्रीकल्चर रिर्सच, शूगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट कोइम्बटूर, प्रबंध निर्देशक शूगरफैड्ड के इलावा देश स्तर के शुगर इंडस्ट्री से सम्बन्धित संस्थाओं के नुमायंदों पर आधारित एक कमेटी का गठन किया जायेगा। इस योजना से न केवल सहकारी चीनी मिलों की स्थिति में सुधार होगा बल्कि गन्ना काश्तकारों को भी लाभ मिलेगा।
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