
जालंधर ब्रीज: अनुसूचित जातियां के हितों की लड़ाई लड़ने वाली गैर राजनीतिक संगठन नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ की अध्यक्षता में पटियाला के एक निजी होटल में विशेष बैठक हुई, अनुसूचित जाति से संबंधित मुद्दों व समस्याओं पर चर्चा की गई । राजनीतिक दल वोट हासिल करने के लिए जो तरीके व रास्ते ढूंढ रहे हैं उसे समाज में अशांति और भय का माहौल है।विधानसभा चुनाव के बाद आने वाले समय में मसले व समस्यायों और चुनौतीपूर्ण रहेगी।
राजनीतिक दलों द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे पंजाब की अर्थव्यवस्था, सामाजिक ताने-बाने और लोकतंत्र के अनुकूल नहीं हैं।चुनावों में मुफ्त वादों को लागू करने के राजनीतिक दलों के वादों ने युवाओं में निराशा व रोजगार उपलब्ध कराने के रास्ते को कठिन कर दिया है इससे बेरोजगार युवाओं का भविष्य खतरे में है। बैठक में विभिन्न प्रवक्ताओं ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पंजाब मॉडल व 11 सूत्री कार्यक्रम, संकल्प पत्र और इकरारनामा में अनुसूचित जाति के मुद्दे को उचित महत्व नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि एससी समाज के मुद्दों और समस्याओं गंभीर है, जिनकी आबादी 35 प्रतिशत है, को पंजाब के राजनीतिक दलों द्वारा जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।
विधानसभा चुनाव में किसी भी दल ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम घपले में शामिल कॉलेज यूनिवर्सिटीज़ की मैनेजमेंट के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं बनाया है। चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर धरना व प्रदर्शन करते रहे हैं, हमने अनुसूचित जातियों के भविष्य से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कार्यक्रम शुरू किया।
नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस द्वारा अनुसूचित जाति से संबंधित मुद्दों के लिए एक ऑनलाइन गूगल फॉर्म भरकर सर्वेक्षण किया गया है जिस में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में घोटाले का गंभीर नोटिस लिया, पंचायत अधिनियम के तहत, समाज को 1/3 हिस्सा जारी करना, दलित कर्मचारियों के लिए 85वें संविधान संशोधन को लागू करने का मुद्दा, मनरेगा में रोजगार प्राप्त करने में कठिनाई, तुगलकाबाद में मंदिर का मुद्दा फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों पर नकेल कसने का मुद्दा, सबसे गंभीर चुनाव के बाद की स्थिति है जिसमें अनुसूचित जाति के लोगों को अपमानित, शोषण, बलात्कार, हत्या और गांव की गुंडागर्दी से जुड़े गंभीर मुद्दों पर राय ऑनलाइन ली गई है।
बैठक को संबोधित करते हुए नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि पंजाब में 35 प्रतिशत से अधिक आबादी अनुसूचित जाति की है, लेकिन जिस तरह से राजनीतिक दल अपने एससी समाज के मुद्दों को भुला दिया गया है जिससे समाज में गुस्सा व रोस है, यह एक गंभीर मुद्दे बन गये है। इन मुद्दों को नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस ने ऑनलाइन सर्वेक्षण के माध्यम से दलित के मुद्दों को उठाया है और आने वाले समय में यह मुद्दा एक मील पत्थर साबित होंगे। प्रमुख राजनीतिक दलों के विभिन्न अध्यक्षों के साथ मुलाकात कर कर एससी समाज की मुद्दों पर सवाल जवाब किया जाएगा।
परमजीत सिंह कैंथ ने समाज से आने वाले चुनावों में अपने भविष्य के लिए सोच-समझकर निर्णय लेने की अपील की। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि गरीब परिवारों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम अधीन दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए आय सीमा 8 लाख रुपये तय की जाए, वर्तमान में पीएमएस में छात्रों के प्रवेश के लिए आय सीमा 2 लाख 50 हजार रुपये है। केंद्र सरकार का पंजाब में स्टार्ट-अप और स्टैंड-अप इंडिया का फॉर्मूला असफल रहा है।
पंजाब में सरकारी व प्राइवेट बैंक बेरोजगार नौजवानों को कर्जा देने में आनाकानी करने के कारण उनको कर्जा नहीं मिला। राजनीतिक दलों के विभिन्न अध्यक्षों से मुलाकात के बाद आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा। इस मीटिंग में औरों के इलावा चंद सिंह , रविंदर सिंह भट्टी, जगसीर सिंह, जरनैल सिंह स्वजपुर, गुरदीप सिंह पांधी, कुलबिंदर सिंह, पियारा सिंह खुर्द, गुरमेल सिंह गनौर, चरण सिंह बंबिहा भाई, नाहर सिंह, बलबीर सिंह रुड़की, लखविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह भटेरी, राजी आताला, कश्मीर सिंह आताला, अन्य नेताओं ने भाग लिया।
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