
जालंधर ब्रीज: पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह द्वारा अपने साथी गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा पर पैसे लेकर पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर- पोस्टिंग के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पत्र लिखा और मांग की कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जांच एजेंसी द्वारा तय समय के भीतर की जाए।
पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए चीमा ने कहा, ‘यह बेहद गंभीर मामला है की एक मंत्री अपने साथी गृहमंत्री पर पैसे लेकर एसएसपी नियुक्त करने का आरोप लगा रहा है। पैसे लेकर लेकर पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति करना देश और राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। राज्य की सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस मामले की निष्पक्ष जांच होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा, अगर इस मामले की जांच निष्पक्ष और तय समय के भीतर नहीं की गई तो पंजाब के लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। क्योंकि एक तो पंजाब सीमावर्ती राज्य है और दूसरी ओर राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले ही दशकों तक ‘काले दौर’ से जूझता रहा है। भारी कीमत चुकाने के बाद स्थापित हुई अमन-शांति को इन भ्रष्ट राजनीतिक लोगों को भंग करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। अब पंजाब इस मोड़ पर खड़ा है कि राज्य के लोग इस तरह के किसी भी ‘काले दौर’ का सामना करने में सक्षम नहीं है। इसलिए माफिया में शामिल सभी ‘काली भेड़ो’ और उनके राजनीतिक संरक्षकों के नाम पंजाब की जनता के सामने आने चाहिए।
चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले से ही राज्य में माफिया शासन के आरोप लगा रही हैं। चन्नी सरकार के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने तो बस हमारे आरोपों को सही साबित किया है। हमने विधानसभा में भी राज्य में चल रहे माफिया शासन के मुद्दे को कई बार उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक व सत्ताधारी दल कांग्रेस के कई नेता माफियाओं के कारोबार में शामिल है।
चीमा ने कांग्रेस सरकार पर माफियाओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में माफिया शासन पर नियंत्रण के लिए अधिकारियों और कांग्रेस नेताओं कि आपसी लड़ाई के कारण ही यह मुद्दा आज सबके सामने आया है। लेकिन हैरानी की बात है कि चार-पांच दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी चुप्पी यह साबित करती है की आला अधिकारियों के बड़े पैमाने पर हो रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग सत्ता में बैठे लोगों के हस्तक्षेप और इशारे पर ही हो रहा है।
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