June 17, 2025

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प्रधानमंत्री ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की

The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing the Nation, in New Delhi on April 14, 2020.

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जालंधर ब्रीज: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 3 मई, 2020 तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की। इससे पहले किया गया 21 दिनों का लॉकडाउन आज यानी 14 अप्रैल, 2020 को समाप्त हो रहा है।

​कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उद्देश्य से राष्ट्र को संबोधित करते हुए​ प्रधानमंत्री ने कहा कि कई राज्यों,​ विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए ही लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री ने​ लोगों से इस लॉकडाउन के दौरान आगे भी निरंतर सतर्क रहने और सामाजिक दूरी का पालन करने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि कम जोखिम वाले क्षेत्रों में 20 अप्रैल,​ 2020 से कुछ विशिष्ट गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘20 अप्रैल तक​ हर कस्बे,​ हर पुलिस स्टेशन,​ हर जिले,​ हर राज्य को परखा जाएगा कि वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है।​ जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे,​ जो हॉटस्पॉट की श्रेणी में नहीं होंगे,​ और जिनके हॉटस्पॉट​ में बदलने की आशंका भी कम होगी,​ वहां पर​ 20​ अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।’

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘हालांकि,​ लॉकडाउन नियम टूटने और कोरोना वायरस के फैलने का खतरा होने पर यह अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी।’

इस संबंध में कल सरकार द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए ही कम जोखिम वाले क्षेत्रों में पाबंदियों में ढील दी जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘​ जो रोज कमाते हैं,​ रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं,​ वे​ ही मेरा बृहद​ परिवार हैं।​ इनके जीवन में आई मुश्किलों को कम करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक​ है। सरकार ने​ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना​ के माध्यम से उनकी हरसंभव मदद करने का प्रयास किया है।​ नई गाइडलाइंस बनाते समय उनके हितों का भी पूरा ध्यान रखा गया है।’​ ​ ​

आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए​ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उन दिक्कतों से अच्छी तरह अवगत हूं,​ जिनका सामना आपने किया है।​ किसी को खाने की परेशानी,​ किसी को एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने में परेशानी​ ​ और कोई​ घर-परिवार से दूर है। हालांकि,​ आप देश की खातिर​ एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। हमारे संविधान में जिस​ ‘हम,​ भारत के लोग’​ की शक्ति की बात कही गई है,​ वह यही तो है।’’​

प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि देश में कोविड-19 का एक भी मामला सामने आने से काफी पहले से ही भारत अत्यंत सक्रिय हो गया था। उन्होंने कहा, ‘विदेश से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग;​ विदेश​ से आने वाले यात्रियों के​ 14​ दिन का अनिवार्य आइसोलेशन;​ मॉल,​ क्लब,​ जिम को बंद करने जैसे निर्णय इसके शुरुआती चरणों में ही ले लिए गए थे।’ ​ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अत्यंत सक्रियता का परिचय देते हुए संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम भी उठा लिया,​ जो​ 14​ अप्रैल को समाप्त हो रहा है।​ ​

​उन्होंने कहा​ कि विश्व के अन्य कोविड प्रभावित बड़े और सामर्थ्यवान देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है।

उन्होंने कहा, ‘महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में​ भारत के बराबर ही थे। लेकिन आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के मामले​ ​ 25​ से​ 30​ गुना ज्यादा हैं।​ उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है। यदि भारत ने समग्र दृष्टिकोण नहीं अपनाया होता,​ एकीकृत​ नजरिया नहीं अपनाया होता और​ समय पर​ त्वरित एवं निर्णायक फैसले न किए होते तो आज भारत में स्थिति​ बिल्कुल भिन्न​ होती।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को लॉकडाउन से काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकटों का सामना करने के बावजूद​ यही​ स्पष्ट रूप से बिल्कुल सही मार्ग है क्योंकि इसने देश में अनगिनत लोगों की जान बचाई है।

उन्होंने कहा, ‘यदि केवल​ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह नि:संदेह अभी महंगा प्रतीत होता है,​ लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे​ इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती।​ भारत सीमित संसाधनों के बीच​ जिस मार्ग पर चला है,​ वह आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है।’

उन्होंने देशवासियों को आश्वासन दिया कि दवाओं,​ भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भंडार हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को और भी अधिक मजबूत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘जनवरी में हमारे पास कोरोना वायरस की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी,​ वहीं अब​ 220​ से​ भी​ अधिक लैब में टेस्टिंग का काम हो रहा है। वैश्विक अनुभवों से पता चलता है कि प्रत्येक 10,000 रोगियों के लिए 1,500-1,600 बेड आवश्यक हैं।​ भारत में आज हम एक लाख से भी अधिक​ बेड​ की व्यवस्था कर चुके हैं। यही नहीं, 600​ से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं,​ जहां सिर्फ कोविड का ही इलाज हो रहा है। एक और अहम बात यह है कि इन सुविधाओं को और भी अधिक तेजी से बढ़ाया जा रहा है।’

प्रधानमंत्री ने नागरिकों से इस महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में सात बातों का पालन करने का आह्वान किया:

पहली बात,​ बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें,​ विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें कोई पुरानी बीमारी हो।​ ​

दूसरी बात,​ लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की​ ‘लक्ष्मण रेखा’​ का पूरी तरह पालन करें​ ,​ घर में बने फेस-कवर और मास्क का अवश्य उपयोग करें।

तीसरी बात,​ अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता​ बढ़ाने के लिए​ आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

चौथी बात,​ कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करने के लिए​ ‘आरोग्य सेतु मोबाइल​ एप’​ डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस​ एप​ को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।

पांचवीं बात,​ गरीब परिवारों की देख-रेख करें,​ उनके भोजन की आवश्यकताएं पूरी करें।

छठी बात,​ हर व्यवसाय​ या​ उद्योग में काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखें।​ उन्हें नौकरी से न निकालें।

सातवीं बात,​ हमारे​ देश के कोरोना योद्धाओं,​ यथा​ हमारे डॉक्टरों एवं नर्सों,​ सफाई कर्मियों और पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।


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