August 5, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

पंजाब में कोरोना-19 के नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग फैसीलिटी शुरू: बलबीर सिद्धू

Share news

जालंधर ब्रीज: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा वायरस रिसर्च डायग्नौस्टिक लैब (वी.आर.डी.एल.), सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला में स्थापित की गई है, जो अपनी किस्म की ऐसी पहली कोविड-19 जीनोम सीक्वेंसिंग फैसिलटी वाली लैब है। लैब में अब तक लगभग 150 नमूनों की जाँच की जा चुकी है और किसी भी नमूने में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की पहचान नहीं हुई।

एक प्रैस बयान में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकार द्वारा कोविड के नए वेरिएंट के संदिग्ध मरीज़ों के सभी नमूने एन.सी.डी.एस. दिल्ली में भेजे जाते थे, जहाँ कोविड के नए वेरिएंट की पुष्टी करने में एक महीने से अधिक समय लग जाता था। विशेषज्ञों के अनुसार यदि किसी विशेष क्षेत्र में कोविड के नए वेरिएंट का कोई मामला पाया जाता है तो वायरस के फैलाव को और आगे बढऩे से रोकने के लिए सभी संदिग्ध मरीज़ों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग करने की तुरंत ज़रूरत होती है। उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला में जीनोम सीक्वेंसिंग फैसीलिटी की उपलब्धता से रिपोर्टें अब 5 से 6 दिनों में मिल रही हैं।

इस सुविधा की विशेषताओं संबंधी बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लैबोरेटरी को यू.के. आधारित निर्माता-ऑक्सफोर्ड नैनोपोर द्वारा विकसित की गई मिनआईओएन एम.के. 1 सी प्राप्त हुई है। मिनआईओएन एक विशेष संक्षिप्त और पोर्टेबल यू.एस.बी. द्वारा संचालित उपकरण है, जो डी.एन.ए. और आर.एन.ए. दोनों के रियल-टाईम विश्लेषण के ज़रिये नतीजों तक तुरंत पहुँचने की सुविधा देता है। जीनोम सीक्वेंसर और सहायक उपकरण एक यू.एस. आधारित ग़ैर-लाभकारी संगठन, पाथ द्वारा राज्य में चलाए जा रहे कोविड-19 रिस्पॉन्स स्पोर्ट के हिस्से के तौर पर दान किए गए हैं।

वी.आर.डी.एल., सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला के इंचार्ज द्वारा किए जा रहे यत्नों की सराहना करते हुए स. सिद्धू ने कहा कि डॉ. रुपिन्दर बख्शी और उनका स्टाफ पिछले साल मार्च में महामारी के शुरू होने से अब तक राज्य की अथक सेवा कर रहे हैं। इस लैब को आई.सी.एम.आर. द्वारा समूचे भारत में कोविड-19 आर.टी.-पी.सी.आर. टेस्टिंग क्षमता में लैब को सर्वोच्च 5 लैबों में मान्यता दी गई है। लैब की मौजूदा क्षमता को बढ़ाने के लिए, इंचार्ज डॉ. बख्शी समेत रिसर्च असिस्टैंट्स और माईक्रोबायोलॉजिस्ट्स की एक टीम, बैंगलोर आधारित सीक्वेंसिंग रिसर्च हब्ब, जीनोटाईपिक्स के विशेषज्ञों की टीम द्वारा कोविड-19 जीनोम सीक्वेंसिंग सम्बन्धी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी है। राज्य ने केंद्रीय सीक्वेंसिंग कोन्सोर्टिअम का हिस्सा बनने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।


Share news

You may have missed