
जालंधर ब्रीज: पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इन्दर सिंगला के नेतृत्व अधीन शिक्षा के क्षेत्र में आरंभ की गई री-इंजीनियरिंग प्रक्रिया से विभाग की कार्य प्रणाली का पूरी तरह से कायाकल्प कर दिया गया है। इससे पहले विभाग के अध्यापकों और कर्मचारियों को फाइलें लेकर खुद दफ़्तर जाना पड़ता था। जहाँ फाइलों का काम निपटाने संबंधी कर्मचारियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती थी, वहाँ दफ़्तरी अमले के लिए भी कागज़ी कार्यवाही और फाइलें संभाल कर रिकॉर्ड रखना कोई आसान काम नहीं था। दफ़्तरों में एक फाइल को अनेकों टेबलों पर पहुँचने में काफ़ी समय लगता था।
शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार की देख-रेख अधीन आरंभ हुई इस प्रक्रिया के अंतर्गत फाइल वर्क पिछले साल ऑनलाइन होना शुरू हुआ और अब संबंधित कर्मचारी अपनी फाइल ऑनलाइन ट्रैक करके स्टैट्स चैक कर सकते हैं। सबसे पहले विभाग द्वारा ई-पंजाब पोर्टल पर हरेक सरकारी स्कूल, विद्यार्थियों और अध्यापकों का विवरण दजऱ् किया गया। हरेक स्कूल और अध्यापक की अलग आई.डी. बनाई गई है। कोई भी स्कूल या अध्यापक अपनी आई.डी. के द्वारा लॉग इन करके किसी भी समय अपने विवरण जाँच कर नए विवरण दजऱ् कर सकता है।
विभाग द्वारा री-इंजीनियरिंग प्रक्रिया के अंतर्गत कर्मचारियों की सेवा से संबंधित हर कार्य को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब कर्मचारी घर बैठे ही सेवा काल में वृद्धि, परखकाल और कन्फऱमेशन, छुट्टियाँ लेने संबंधी आवेदन करने, समय-सीमा पूरी होने संबंधी दावा करने, सेवामुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों की समय-सीमा पूरी होने संबंधी दावा, अध्यापक तबादला, इस्तीफ़े और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया ऑनलाइन हुई है।
इसके साथ ही मेडिकल बिल, अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रक्रिया, तरस के आधार पर नियुक्तियाँ, उच्च शिक्षा सम्बन्धी अनापत्ति प्रमाण पत्र, वरिष्ठता सूची, नई नियुक्ति, पासपोर्ट बनाने और रीन्यू करने सम्बन्धी अनापत्ति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन करने और विभिन्न काडरों में पदोन्नतियों को भी ऑनलाइन किया गया है।
इसके अलावा विद्यार्थियों के स्कूल छोडऩे के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करवाने, पहचान पत्र बनवाने, अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने, पैंशन मामलों और पैंशनभोगियों का डेटा ई-पंजाब पर अपलोड करने, मुख्य कार्यालय में सुझावों की प्राप्ति, निजी स्कूलों की शिकायतों का निवारण, सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के डेटा, पुस्तकालय की किताबें, स्कूल प्रबंधन समितियों के गठन का कार्य को आसान करने, निजी/एडिड स्कूल के लिए करसपॉन्डैंट की मंज़ूरी आदि प्रक्रियाएं ऑनलाइन हुई हैं। विभाग की इस नवीन पहलकदमी के स्वरूप समय, ऊर्जा और कागज़ की बचत हुई है।
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