June 19, 2025

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कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने 60 साल से कम उम्र के हलके या बिना लक्षणों वाले मामलों के लिए 10 जिलों में कोविड केयर सैंटर खोले

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कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने 60 साल से कम उम्र के हलके या बिना लक्षणों वाले मामलों के लिए कोविड देखभाल की क्षमता बढ़ाते हुए राज्य के 10 जिलों में 7520 बिस्तरों की क्षमता के साथ नये लेवल-1 कोविड केयर सैंटर शुरू कर दिए हैं। 100-100 बिस्तरों की क्षमता वाले ऐसे केंद्र बाकी 12 जिलों में भी जल्द ही खोले जाएंगे।


मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक 10 जिलों में नये कोविड केयर सैंटर अलग-अलग बिस्तरों की क्षमता के साथ चालू किये जा चुके हैं। इनमें जालंधर में 1000 बिस्तरों की क्षमता है, अमृतसर में 1000, पटियाला में 470, बठिंडा में 950, लुधियाना में 1200, संगरूर में 800, एस.ए.एस. नगर मोहाली में ज्ञान सागर हस्पताल में 500 बैड और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 1000 बिस्तर, पठानकोट में 400, फाजिल्का में 100 और फरीदकोट में 100 बिस्तरों की क्षमता है।
7000 बिस्तरों की क्षमता वाले यह केंद्र मैरीटोरियस स्कूलों और अन्य संस्थायों में चलाए जा रहे हैं और केस बढ़ने की सूरत में इनको 28000 बैडों तक बढ़ाया जा सकता है। इन केन्द्रों को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा है और इनमें बिना किसी लक्षण और शुगर और हाईपरटेंशन जैसी पुरानी बीमारियों जैसे सह-रोग के बिना वाले पॉजिटिव मरीजों को एकांतवास में रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।


इन केन्द्रों में उचित सफाई और सुरक्षा सुविधाओं के साथ-साथ बढि़या बैड हैं जिनकी निगरानी डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्टों, स्वास्थ्य प्रशासकों और कौंसलरों द्वारा दिन-रात की जा रही है। यहाँ ऑक्सीजन, ई.सी.जी., मैडीकल सप्लाई आदि जैसी जरूरी सभी आपातकालीन सेवाएं मौजूद हैं।
इन केन्द्रों में दाखिल मरीजों को दिन में तीन बार खाना देने के अलावा दो बार चाय दी जा रही है। इन मरीजों की दिन में तीन बार जांच भी होती है।


मरीज का स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति से निपटने के लिए इन केन्द्रों में ऐंबुलेंस सहित सभी उचित प्रबंध किये गए हैं जिससे जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत बड़े केंद्र में लेजाया जा सके।
प्रवक्ता ने बताया कि मनोवैज्ञानिक और ऑनलाइन परामर्श लेने के लिए समर्पित हेल्पलाइन नंबर 104, 0172 -2920074, 1800-180-4104 भी मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी पोर्टल भी सहायता के लिए उपलब्ध है।


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